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आमुख
वाद प्रकाशित करना तथा युग के अनुसार इस आम्नाय के अनुकूल नवीन साहित्य का प्रकाशन करना है । हमें विश्वास है कि यदि पूज्य आचार्य महाराज का आशीर्वाद मिलता रहा तो इस प्रकाशन मन्दिर से प्रति वर्ष दो-चार ग्रन्थ अवश्य प्रकाशित होते रहेंगे।
जैनन्द्र भवन २५ दिसम्बर १६४६ ।
जिनवाणी-भक्त:देवेन्द्रकिशोर जैन
मंत्री
श्री देशभूषण स्याद्वाद ग्रन्थमाला, पारा
AMMA
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