________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
ययुपात ]
[ याभ
न्यान्युपात - पु० चंचुप्रवेश पु० कमवान | थापवु - स० ४ि० चखना स०क्रि०
याग-पु० दुलार पु० प्यार यायरु - १० कपाल पु०
स्त्री | याट - वि० लज्जित वि० शर्मिन्दा; स्त्री०
टोना
फियत
थ - वि० उष्ण वि० गरम; भयंकर
यडिश - स्त्री०
उग्र स्वभावकी
दुर्गादेवी स्त्री०
डास - वि० निर्दय वि० जुरुमी; पापी यडी पाह - ५० दुर्गा स्तोत्र पु० यह - वि० कुछ वि० थोड़े से; पु० चाँद यहनन चन्दन पु० सन्दल यहनी - स्त्री० ज्योत्स्ना स्त्री० चाँदनी
रंग बिरंगा कपड़ा हरवु - स० ४० मनकी बात निकलवा
लेना स०क्रि०
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६.५.
८
भालु - न० दर्पण पु० आरसी
थाटवु - स०वि० चाटना स०क्रि० | न्याटु-वि० प्रिय वि० प्यारा, मोठा याटु - वि० चटोरा वि० | न्याहु - ० चाठा पु० दागु
213 - स्त्री० सार-संभाल स्त्री० निगरानी भाउजु - २० प्रहरी पु० सन्तरी थाडी - स्त्री० चुगली स्त्री० भाष्याक्ष-वि० धूर्त वि० चालाक,
श्वे। - ५० रंगीन कपड़ा पु० यहा - स्त्री० चन्द्रमा पु० चाँद चाँदनी |व्यातरभ-न० पंचायत स्त्री०
¿'èl-y'o facal go azu
यातुर - वि० चतुर वि० होशियार ચાતુર્—વિ
यातुर्य - ० चतुराई स्त्री० होशियारी यानड-स्त्री० सार-संभाल स्त्री० देखभाल; चेतावनी; चालाकी
चंद्र - ५० बिल्ला पु० संपत ५० नौ दो ग्यारह पु० - व्यंधी - स्त्री० शरीरपर मालिश आदि स्त्रो० व्यभु ५० कंत्रा पु० सुराही न्यास - ५०० फौज में नगारों का जमादार पु० या - वि० स्वस्थ वि० तन्दुरुस्त; एक पहना व्यावा - वि० चालाक वि० चंट याम्णी - स्त्री० छोटी गगरी स्त्री० याम्णो-५० चदसका चर्खा पु० व्या-10 सचेत वि० सावधान
व्याप-नं ० धनुष पु० कमान व्यापन्थी - स्त्री० टीमटाम स्त्री० सजधज चिकनाई
व्यापट - स्त्री० थप्पड़ पु० तमाचा यापलूसी - स्त्री० जी हुजुरी स्त्री० खुशामद यामधु कोड़ा पु० चाबुक व्यापम - ५०० कोड़ा पु० चाबुक, मार्मिक
वचन
डी-स्त्री० काष्ठपादुका स्त्री० खबाऊ | याभहु-वि० दोषदर्शी वि०
For Private and Personal Use Only