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माण]
[ भालोयियु भोग-स.. पानी डालकर मामी-वि० रिक्त वि० खाली; निर्धन
हिलाना सक्रि० भाभी गाली-१० धनहीन वि० परीष भयाj-2018 अटकना अ० क्रि० भाटी-पु. कसाई पु० खाटलो पु० रुकना
पलग पु० चारपाई 4-[१० खैन वि• लूला
भार-स०० लाभ पाना स..
फायदा उठाना 3-० भाग पु० हिस्सा; कमरा
भाई-.10 भैसों का दल पु० मी -स्त्री० सरकारी कर पु. खिराज
। मा।-पु. खड्डा पु. ''-स०१० खंडित करना सक्रि०
सा-स्त्री. खान स्त्री० खदान एक मुश्त खरीदना भारत-वि० भग्न वि० टूटा हुआ
मा-10 भोजन पु० गिजा मारिय-वि० लगान देनेवाला पु०
मातभूरत-न० नींव डालने का मुहूर्त पु.
मात२-१० चोरी; बदमाशी; चाकरी; माय२-० भग्नावशेष पु० खंडहर
खाद स्त्री० 'त-स्त्री० संभाल स्त्री• देख भाल
भातरी--[at] स्त्री विश्वास पु० यकीन माध्यिा-पु. घर जवाई पु.
मातु पातु-वि० साधन संपन्न पु. माध-स्त्री० शठता स्त्री० लुच्चापन
खातापीता . मधु-वि० शठ वि•; लुच्चा भातून-स्त्री० रानी स्त्री० बेगम पत्र-पुं० स्तम्भ पु० खमा भाव-स्त्री० खाद्य पुं० खूराक; खामी माधम -वि. धूर्त वि० चालबाज माध-पु. गहरा खड्डा पु०; नुकसान भा-वि० चटोरा वि.
माघेकपाधेश-वि० हृष्ट पुष्ट पु० मोटामा(Y)-'० चटोरा पु० खाऊ
ताजा मामेश-स्त्री. अभिलाषा स्त्री०स्वाहिश मानहान-वि० कुलीन वि• खानदानी भार-स्त्री. राख स्त्री० खाक; नाश। भानसामा-० नौकर पु० खिदमतगार भासार-मि० विनम्र पु• खाकसार; । भानाराम-वि० सत्यानारा पु० नेस्त___ ताबेदार
नाबूदी भामरे।- एक वृक्ष पु., पतली व मा५३-वि. छटेल पु. सहत रोटी
भाम-पु. स्वप्न पु० ख्वाब भामापीमा-वि० छिन्न भिन्न पु. सामायियु-न० पानी से भरा हुभा तितर-बितर
बोटा-सा खडा प०
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