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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४ [ सरा भा-वि० भाग्यशाली पु० नसीबदार । ४५6-स्त्री० कौडी स्त्री.. ३१-९० आकर्षण पु० खिंचाव न -10 कविता स्त्री० शायरी ३१४-पु. कृषक पु. काश्तकार | पनी-पु' कवि पु० शायर Basसाट-० मधुर धनि स्त्री० मीठी तु-10 नल पु. | স্মাৰা -स0 कविता करना स० कि san-स्त्री० कलंगी स्त्री. तुर्रा; गोटा शायरी करना; यश गाना किनारी का तुरी जवा-न० लांछन पु० तोहमत सत्र-1 पत्नी स्त्री० बीवी वायत-स्त्री० सैन्य शिक्षण पु. लश्करी २-१० कलाविद् पु० हुन्नरबाज; तालीम रुपया अवि-पुं० काव्यकार पु० शायर पित-वि. काल्पनिक वि० खयाली | |-१ि० कुछ वि० जरा सम-स्त्री. लेखनी स्त्री० कलम । ४श्मा-वि. दूषित वि० खराब समश-वि. मुंशी पु० अर्जीनवीस -न० सताप पु० तकलीफ ३१२१-० मधुर ध्वनि स्त्री० मीठी । ४ा-म018० कष्ट देना अ० कि. तकलीफ देना श्रावाज स-पु. कसौटी स्त्री०; सार; ताकत सश-५० कलश पु० ससj-03 खूषकसकर ३४-० दूषण पु० तोहमत धाधना अ० कि. 30-(I) स्त्री० हुनर पु० इल्म सम- रेशमके साथ बुना हुआ सास-पु. शराब बेचनेवाला,पु० सोने चाँदी का तार; रोजगार अलि-(M)५० टंटापुबखेडा, कलियुग | समी-वि. कलाविद वि० कारीगर शुष-[१० मैल पु० गन्दगी समो-पु. ग्राम पु. गाँव ११२-० शरीर पु० जिस्म स म-पु. सौगन्ध पु. कसम ४८४-वि० पापी पु० बेरहम उस२-स्त्री. कमी स्त्री० खामी स्पित-वि० कल्पना जन्य पु० खयाली सरत-स्त्री. व्यायाम पु० वर्जिश ३६६ी-स्त्री. एक आभूषण पु० एक सरतमा-वि० व्यायाम-प्रिय जेवर वि. कसरती se-० आनन्द पु० लुत्फ सरा-4000 कोर-कसर निकालना इक्य-न० कवच पु. बस्तर; ताबीज अ० कि. For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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