________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स१२]
[ અવ્યય
२०१२-१० अन्य अ० गर
सपा-10 बावला पु० पागल स३२४१२-पु. आवागमन पु० आम. अवाढ-20 अकाट्य वि० दरफ़्त
मारनवार-240 प्रसंगवश अ० अवश्था-८० वृथा अ० फ़जूल वा-वि० लम्बे समय से काम में अवरोध-पु. अटकाव पु० रुकावट; न लिया हुआ वि० रनिवास
अवास-पु. श्रावास पु० मुकाम सण-वि. अंत्यज पु० अछूत सवाणु-० न० दाँतों के पारे पु० अपनीय-वि० अवयं वि० बेवयान सविस-वि० प्रसन्न १० खुश अवस-वि० प्रधान वि. खास अवियस-वि० स्थिर वि० गैरमनकूला 2414- आश्रय पु• सहारा अविया२ -० अविवेक पु० बेअम्ली अमित-वि० आश्रित वि० सहारेपर। अविवारी-वि० मूर्ख पु० बेवकूफ अपलित-वि० सहकारी वि. घमंडी ।। अविनय-५० असभ्यता स्त्री० बेअदबी असेह-० चटनी स्त्री०
अविनाश-(शा) वि. अमर पु. मश-१० परतंत्र वि. गुलाम अविनत-वि० संयुक्त पु० जुदा हुआ सपशेष-पु. शेष पु• बचा हुआ अविमानय-वि. अविभक्त पु० अवश्य-वि० आवश्यक वि० ज़रूरी अविरत-१ि० निरन्तर वि. लगातार अयसन्न-वि० मृत पु० मुर्दा अविलम-वि० शीघ्र वि० फौरन अवस२-० अवसर पु० मौका भविशति-१० निडर वि० बेखौफ अपसा-खेद पु० रंज अविषय-वि. असह्य वि० नाबर्दाश्त ससान-न० मृत्यु स्त्री० मौत भव:- अविवेक पु० नासमझ भवरता-स्त्री. पारसी धर्म ग्रंथ पु० -५० प्रतिफल पु० बदला; अवश्या-स्त्री० दशा स्त्री० हालत
चालु सिक्का सण-वि० औंधा पु. उल्टा सवे-वि० स्थापना वि• जानशीन अपणु-१० औंधा पु० उल्टा भ३२-पु. देखरेख स्त्री० निगरानी अवा-स्त्री० जनश्रुति स्त्री० अफवाह अवेय-पु. अवयव पु० जिस्म के अपा-१० चकित पु० हैरान २सपा-पुध्वनि स्त्री० मावाज अवेणा-स्त्री. कुसमय पु० बेपख्त अपार-वि०कुमार्ग पु० बदराब अव्यय-नशाश्वत पु० गैरमनकला
For Private and Personal Use Only