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विव
१८.
अवसाय.
५-. बुद्धि स्त्री० अक्ल, सभ्यता वृध-वि० बृदा पु. विशा२६-१० पटु पु. होशियार
वृध-स्त्री० बढ़ोतरी स्त्री० बढ़ाव विशा-पि. विशाल पु. बड़ा
वृष- बैल पु. विशेष-१० मुख्य पु० खास
ट-स्त्री० वर्षा स्त्री. बारिश विश्राम- शान्ति स्त्री० श्राराम
-न. समूह पु० मुंड विश्व-न० जगत पु० दुनिया
वस-पु. गति स्त्री० चाल; क्रोध विश्वास-पुं० भरोसा पु० यकीन
गणु-१० अलग पु० जुस २५-१० हलाहल पु० जहर
१४-स्त्री० उपाधि स्त्री तथा विष्ट-स्त्री. समजोते की छातचीत २७३-स०० अपव्यय करना स०कि, विसात स्त्री० मूल्य पु० को मत; औकात फजूलखर्ची विसामा-भु प्राराम पु०
तन-न. पारिश्चमिक पु० तनख्वाह विस्तार-पु. फैलाव
तर-स.. कपड़ा उतना स० कि. विरमय- आश्चर्य पु० हेरत
विमाड़ना वि-10 पक्षी पु० विदिया
३२-१० शत्रुता दुश्मनी [16 -1.80 विहार करना अ.
वेश-० टैक्स पु० महसूल क्रि० सेर करना
वसु-वि० बेढंगा पु० वी -स०१० चुनना स० क्रि०
पिशाण-10 विवाह पु० वी२-वि.पु. शूर पु० बहादुर; भाई :
वेगा-स्त्री. समय पु• वक्त पी-वि० लज्जित पु० शर्मिंदा .
वैतरु-न. भारवाही पु० मजदूरः वीस-स०६• बिधारना स०क्रि०
मजदूरी की दर भूलना
वैभव-पु. ऐश्वर्य पु. शान पी -पु. व्यजन पु. पंखा
०५ति-स्त्री. मनुष्य पु० आदमी; वीर-सof० लपेटना
व्यक्ति पौ५-०. बींधना स०कि.
व्य-वि० व्याकुल पु. धराया हुआ छेद करना
व्यथा-स्त्री. दुःख पु. तकलीफ वृक्ष-न० पेड़ पु० दरख्त
०५५-पु. खर्च पु. त्ति-स्त्री. स्वभाव पु० आदत
य-वि० निरर्थक पु• फ़जूल श्या-म. व्यर्थ अ० जुल व्यवसाय-पु. व्यापार पुं० तिजारत
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