________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पादु']
१६८
[मिन
मा-वि० नकली
या-पुं० हाथ पु० यादी-स्त्री. अजीर्ण पु०, बदहजमी बार- बन्दर पु. याव-पुं० बाधा स्त्री० रुकावट माहाश-वि० चालाक पु. होशियार पाषा-स्त्री० कष्ट पु० तकलीफ मा-वि. बाहरी वि० मा५-पु. पिता पु० अब्बा
माजातियु- दच्चे के नीचे रखने यापी-वि० पैत्रिक वि. बाप का
का कपड़ा मा-४० वाष्प स्त्री० भाप, पसीना -१० टेढ़ा पु० बांका, फक्कड़ मायत-स्त्री० हेतु पु० मुद्दा, विषय 434-छैल छबीला पु० शौकीन मासु-० डरपोक, औरत से स्वभावः मांग-स्त्री० पुकार स्त्री० वाला
मामा-वि० धूर्त पु० लुच्चा यात्मीयामा-पु. बैरभाव पु० दुश्मनी मा-वि. टेडे हाथवाला भारी-१ि० मीना पु. बारीक या-वि० बिना दुमका मार-न द्वार, बहाना
माधी-स्त्री० रचना स्त्री० बनावट पारेपाट-५० सब तरह से अव्यवस्थ माधव-पु. भाई, बन्धु पु० बिरादर मारामार-८० सीधा
4iधातु-१० दढ़ बांधवाला पु. मास- बाल
मजबूती से कसा हुमा यासास- ग्वाले का लड़का पु० बाधा-५० बंधारण (शरीरका) श्रीकृष्णा
माय५२-० जाभीन मासम-पु. पति, पु. खाविंद, प्रिय. मिया-लि. लाचार पु० वेचारा तम
मिछानु'-10 बिछौना पु० पाराश-स्त्री० सारसंभाल स्त्री० देख- मिना-स्त्री० बनाब; प्रसंग भाल
मियायान-10 निर्जल प्रदेश पु० रेगिभाक्षिय-वि नादान वि० बेसमझ
स्तान यावरु-१० बावला, व्याकुल मि२६-० बीरुद पु० नामवरी; टेक मासु-न• पुतला पु.
मिरा-Holko आसन ग्रहण या-न• मकड़ी का जाला
करना, बिराजना या५-1• वाष्प श्री. भाप; मांसू AR-Y• भाई पु० साथी मास- गन्ध
मिस-१० सर्वथा अ० एकदम
For Private and Personal Use Only