________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५ ] ૧૫૬
[पायु ५-स्त्री. धन पु. दौलत चनी-सी. इंग्लैंड का सिक्का-पैनी स्त्री० ५-पु. कचरा पु० कूड़ा-कर्कट य-वि० पेय पदार्थ पु. श्य३२५-1• अलगाव पु० जुदाई पेर-सी. पद्धति स्त्री० रिवाजा खबर पृथिवी-स्त्री० पृथ्वी स्त्री. जमीन
न० अमरूद पृथु-वि० विस्तृत पु० चौरा २वी-स्त्री. प्रयत्न पु० कोशिश --• पेज पु० सफा
परे।-पु. परिच्छेद पु. प-वि. दक्ष पु० होशियार
शा-स्त्री. मांस पिण्ड पु.; पुट्ठा; गाभ-पु. सन्देश पु० पगाम
मुकदमेकी पेशी ५-५० गुम्फी स्त्री० उलझन; काल; सव'-०३. प्रवेश पु. दाखिल होना
पतंगों के पेंच पे-स्त्री. चावल की कांजी स्त्री०
पेसा।-५० प्रबेश पु० परिचय गरी-स्त्री. घर के पीछेका छप्पर पु०
सेनगर-स्त्री० यात्री पु० मुसाफिर,
रेलवे ट्रेईन पेट-न० उदर पु. पेट, आजीविका; मन । पे८५२-१० उदरपूर्ति होवे अतना
पग-न० घुड़सवार के पैर रखने की
कड़ी स्त्र पेटा-स०. जलाना पेशाग-५० भाग का माग पु०
431-पु० पिंड पु० पीछा; दूधपेड़ा पेट-२० स्वार्थी पु. खुदगरज
पत।-५० प्रपंच पु. पैंतरा पेटे-१० बदले में प्र०
५,पै-न० चक्र, चाक स्त्री.
पै४१-५० उसमेंका, उसका पेट्रोल-न० पेट्रोल का तेल पु०
पैतृ-10 वारसे में मीला हुआ प?-म• प्रकार अ० तरह (द)-10 पेडू पु.
पैसाहार-वि० धनवान पु० दौलतमन्द पे-न० समूह पु० टोला
पसे।-५० पैसा पु० पेढी-स्त्री. दूकान स्त्री० पीढ़ी
पोस-५० सीधा कीया हुमा पेश-श्री. पत्थरपेन
पो-स्त्री० रुदन पु० रोना पीटना पशी-स्त्री. छोटा तवा
पोज-वि० पोला पु० जुठा -वि० उत्पन्न पु० पैदा
पोर-पु. पुकार स्त्री० फरियाद पहा-स्त्री. उत्पादन पु• उपज घोप-पु. एक रत्न-पुखराज पु. ५-०६० स्वभाव बनना; आदत पाण-न० पोल
पड़ना, घर कर जाना पायु-वि० डरपोक, सहिपलकमजोर
For Private and Personal Use Only