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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नाम18] ૧૩૫ [ नाभि नानमा-श्री नानखताई स्त्री. नाभ२०७-स्त्री. अनिच्छा नानपण-10 गल्यकाल पु० बचपन नामः-१० पौरुषहीन पु. नामर्द नाना-वि. अनेक वि० बहु से नाभापती-श्री. वंशावली स्त्री० कुरसी. नानाविध- वि० अनेक प्रकार का वि० नामा कई किस्म का नाममित-१० प्रयात वि० मशहूर नानी-श्री० मा की मा स्त्री. नामांतर-न० मिन्ननाम पु० नानी-पु० मा का पिता पु० नाभायु-वि० प्रसिद्ध वि० मशहूर नानु-वि० अल्प वय पु० छोटी उम्र का नामु७२-वि० अस्वीकार वि० नाकबूल नापस-द-वि० अरुचिकर वि० नाप. नाम-न० आय व्यय विवरण पु. सन्द हकका वर्णन ना-वि० अपवित्र वि. नापाक नाभ-स. नामपर अ. नापायाहार-वि० जिसका कोई आधार नामोशी-वि० बदनाभी स्त्री० कुख्याति नाय-० नेता० पु० सरदार नापास-१० पास न होना वि० नाप नायम-पु. सहायक पु० मददगार सन्द नार-सी० नारी स्त्री० ना13-पु. नाई पु० हज्जाम ना२६३-० लड़ा देने की कला स्त्री० नाभू-पि. निर्मूल वि० नेस्तनाबूद नाग-नारंगी का पौधा पु० नाभि-स्त्री. नाभि स्त्री० नारसी-पि. एक फल स्त्री० नाम--०. कीर्ति स्त्री० नामवरी नारा-वि० अप्रसन्न वि० नाखुश नाम -न० नाम रखने का संस्कार नारियण-10 श्रीफल पु. नारियल नारियणा-खी. नारियल का पेर पु. नामयान-वि० प्रसिद्ध वि० मशहूर नाज-सी० नलिका स्त्री० नाल नामहार-वि. यशस्वी पु० मशहूर नासाय-१० अयोग्य पु नाकाबिल नाममात्र-वि• स्वरूप वि. थोड़ा नासशी-स्त्री. निन्दा स्त्री. बदगोई नामाशि-वि० एक नामवाला पु० इम. ना-स्त्री० नौका स्त्री० किश्ती नाम नाराय-नस्नान पु० गुरुल नाभवान्य-१० नामसूचक वि० नापलिया-'• पति पु० खाविन्द नामस्मरण-न० भजनभाव पु० नावि-पु. केवट पु. For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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