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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra वर्णदण्डक. वर्ण मेळ. ५१ वर्णना दंडक, २ 3 १५२६ आराम, पद्मक, विश्ववाह, अर्क. २+१५ र ११ वर्ण. ननर ररर राररारारराराररा रार के पद्मके ने वळी विश्ववाहे अने अर्क आरामना दंडके बे न ने पंदरे रागणो थाय छे. १ वृत्तरत्नाकरनी जनार्दनी टीका. २ वागवल्लभ. ३ छंदोलता तथा छंदोवृत्तमुक्तावली. www.kobatirth.org १५२७ { Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५४ वर्णना दंडक. • संग्राम, पद्मराग, तक्षक, ૧ 3 २ न + १६ र= ५४ वर्णं. कालदंड, चन्द्रेश, चन्द्र. नवर ररर रारराराररा रा रा राररा एम बे ना अने सोळ रा थायछे परागे अने तक्षके कालदंडे तथा चन्द्र संग्राममां सामटा. २ छंदोलता. १ वाग्वल्लभ. ३ छंदोवृत्तमुक्तावली. ५७ वर्णना दंडक. * पौंड्रक, १५२८ सुराम, पौंक, ईश. २ न + १७ र १७ वर्ण. ननर ररर रार रार रारा रारा रा सुरामे अने पौंड्रके ईश ए दंडके थायछे सौ मळी वे न ने सत्तरे रा बधा सामटा पाद पादे खरे. १-२ छंदोवृत्तमुक्तावलीमां तेमज छंदोलतामाथी. १ पौण्ड्कनुं माप वाग्वलभमां आ प्रमाणे छे. १५२९ विशेषस्तत्रक'. ४.६५. 1 नय नय नय नय भस भस भस मभस | अस= ४नय + ३भस + म +२भस =५७ नय युग आणो ऋण भस जाणो पछी म प्रमाणो द्वि भस वखाणो नेचरण करो भाव मन घरो अक्षर सबळा आणी सत्तावनज विशेष स्तवकविषे. १ वागवलभमां छे. For Private And Personal Use Only
SR No.020597
Book TitleRanpingal Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRanchodbhai Udayram
PublisherKutchh Darbari Mudrayantra
Publication Year1902
Total Pages723
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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