________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४५८
रणपिंगळ.
समवृत्त. rwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwww
छंदोलता तथा छंदःप्रभाकर १६,१६ यति केहेछे. भाषा छंदोमंजरी आने वर्णकमनहर केहेछे. १४९६ जलहरण, लघु गुरुनो नियम नथी.
। ३२ वर्ण.
, वत्रीशुं कवित.। अन्ते २ ल. १६,१६ यति.
बत्रीशा कवितकेरा रद वर्ण अन्त बेल,
जलहरण छे नाम सोळ सोळ पर यति. कोइ कोइ आनुं नाम जनहरण आपेछे, ते छंदःप्रभाकर, अप्रमाण केहेछे. ब्रिजभाषाना ग्वाल आदि कवियोए ३२ अक्षरनां विप्सावाळां कवित घणां कस्यां छे. १४९७ मनोहरण. यथेच्छ वर्ण ३०+२ ल-३२ वर्ण.
८, ८, ८, ८ यति. चार वसु केरी यति, बत्रीशा कवितमांह,
अन्ते बे लघु लावेछे, रचतां मनोहरण. .
जलहरण प्रमाणेज माप छे, मात्र यतिमांज फेर छे. १४९८ रंगीका. गुरु लघुनो नियम नहि, अंते लघु. ३२ वर्ण.
१०, ८, ८, ६ यति. दश आठ आठ छये यति, गुरु लघु नि'म नथी, वर्ण दांत रंगीकामां, अन्त लघु आण. आ अन्त्य लघुवाळु बत्रीसाक्षरी रूपघनाक्षर नामे कवित छे, आनुं माप रूपघनाक्षरी प्रमाणेज छे, मात्र यतिमां फेर छे. १४९९ डमरु.
बधा लघु. ३२ वर्ण. प्रति चरण चरण रद धर सुवरण
डमरु कवित कर कविवर! स्मर हर. आ दंडक काव्यसुधाकर तथा छंदःप्रभाकरमां छे. छंदःप्रभाकरमां ११+११+५+५=३२ वर्ण कद्या छे, अने जणाव्यु छ के." श्रीयुत भीखारीदासजी अने वैजनाथजी आने जलहरण मानेछे.
३२
For Private And Personal Use Only