________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२३ विकृति छंद.
वर्ण मेळ.
३९७
२३ विकृतिछंद. ८३,८८,६०८भेद. २३ वर्ण.
१३०७ इच्छा.
७ म +२ग. १
वीशे वाजी वर्णो आवेछे माताजीने नामे इच्छा वृत्ते तो सारा. अमारां माताजीना नामनुं नवं वृत्त छे.
१३०८ परिधानीय नन+भत+जय+स+गंग. ८,४२,१७६ नन पर भत छे जय पूठे स पछी घर गागा परिधानीये. १३०९ सर्वगामी. ७त+२ग. ता सात आणी धरो गाग अन्ते बने एम तो वृत्त आ सर्वगामी. गणप्रस्तार प्रकाश प्रमाणे. सर्वगामी वृत्त, वर्ण २२ मां अंक १२८० मे छे तेथी आ माप भिन्न छे.
११,९८,३७३
१३१० विलासवास, ) सुभाग, विलास. ।
यस+भभ+सज+भगग. १७,५२,४७२ भास पर भभा छे सज ते पर भगगां विलासवास- सुभागे. आ नाम वाग्वल्लभमां छे.
'१३११ मत्तगजेन्द्र', मत्तगयंदर, मालतीर, इन्द्रविजय, इन्दवरे, मधुमालतिका, शोभा', सवैया ६.
१२, ११ यति.
७भ+२ग. १७,९७,१५९
૧ ૧
७
बार शिवे यति भा हय अन्त ग, -बे पर मत्तगजेन्द्र-सवैया.
१ वाग्वलभमां आ नाम छे, अने तेणे यति कही नथी.
२ मत्तगयंदमां सात भगण +२ गुरु आवेछे, अने तेनेज मालती केहेछे, एम छंदः प्रभाकरमां कयुं छे. ३ छंदरनावली तथा गणप्रस्तारप्रकाशमां इन्दव नाम छे तेमां यति कही नथी. ४ वृत्तदीपिकामां आ नाम छे, तेमां यति कही नथी. ५ शोभा अने इंद्रविजय नाम पिंगळादर्शमां आपी तेमां १२, ११ यति कही छे अने ते बोलतो ठीक पछे माटे अमे स्वीकारी छे. हाथीनो कान फरेछे ते प्रमाणे गावानी ढब
३४
For Private And Personal Use Only