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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वर्णानुक्रमणिका। १६५ हेमपुष्पी-ऐन्द्री हेमपुष्पी-मुसलीकन्दः हेमपुष्पी-स्वर्गुली हेमपुष्पी–हेमा हेमफला-सुवर्णकदली हेममाक्षिकम् १२४ हेमयूथिका-यूथिका हेमलता ४२७ हेमलता-हेमा हेमवती ४२८ हेमवती–हेमा हेमवर्णवती-दारुहरिद्रा हेमवल्ली-हेमा हेमविमल:-विमलम् हेम-सुवर्णम् | हैमवती-उत्तरापथिका हैमवती-क्षीरिणी हैमवती-प्रतरीर्कः हैमवती-मेध्या हैमवती-रेणुका हैमवती-वचा हैमवती-हरीतकी हैम:--किराततिक्तः हैमः-घोट: हैमी—केतकीद्वयम् हैमी-क्षीरिणी हैयंगवीनकम्-नवनीतम् हो. होमधान्यम्-तिल: होम्यम्-घृतम् ह्यस्तनम्-कालत्रयम् हरदिनी-पानीयम् हस्वकुम्भः-मृदुदर्भः हरस्वगवेधुका-कानेरुकी ह्रस्वतण्डुलः ४२२ इस्वपत्रिका—पिप्पल: हरस्वपर्णः–प्लक्षः हरस्वपुष्प:-जलदः ह्रस्वफल:-नारिकेल: ह्रस्वफला-जम्बः ह्रस्वमूल:-इक्षुः हरस्वम्-गौरसुवर्णम् हरस्वम्-पुष्पकासीसम् ह्रस्वः-लक्षः हरस्वः-शालिः हरस्वाङ्ग:-जीवकः हरस्वा-जम्बू: हस्वा- मुद्रपर्णी ह्रस्वा-विष्णुकान्ता हरस्वा-सल्लकी ह्रस्वैरण्ड:-एरण्डः हरादिनी-पानीयम् ह्रासम्-कङ्कुष्ठम् हेमाङ्गा-सर्वक्षीरी हेमाह्वः'चम्पकः हेमावा-सर्वक्षारी हरीबेरकम्-वालकम् हीबेरम् ४२३ हरीबेरम्-वालकम् ड्रीबेरः-निम्बः हलादनीयवासशर्करा हलादा–सल्लकी हिसणीया-~बहुला हैमन :-पौषः हैमवतम्--मौक्तिकम् हैमवती ४२३,४३९ इति धन्वन्तरीयनिघण्टुराजनिघण्टुस्थशब्दानां वर्णानुक्रमणिका समाप्ता। - For Private and Personal Use Only
SR No.020593
Book TitleRajnighantu Ssahito Dhanvantariya Nighantu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarinarayan Aapte
PublisherAnandashram Mudranalay
Publication Year
Total Pages619
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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