________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir करवीराणितथारक्तञ्चचन्दनम् अष्टाग एवह्योवैब्रह्मणापरिकीर्तितइति अथप चोपचाराः तत्रादौगन्धाः तत्रभविष्यपुराणम् चन्दनागुरुकप्रकुङ्कुमोशीरपद्म, कैः अनुलिप्तोनरैर्भक्त्याददातिमनसेप्सितम् पद्मकम् पद्मकाष्ठम् तथाकालेयक न्तुरुष्कञ्चरक्तचन्दनमेवच यान्यात्मनःसदेष्टानितानिशस्तान्युपाकुरु तुरुष्कम् शिल्हकम् अथविहितपुष्पाणि अगस्त्याऽटरुषकाऽतिमुक्ताऽर्काऽशोकाऽघातको त्पल कदंब करवीर कर्णिकार काञ्चनाल कालतुलसी काशाकिंशुककिङ्किरात कु। कुम कुन्द कुजक कुरण्टक कुश कुशेशय केशर कैरव चम्पक जया जाती जवा | For Private and Personal Use Only