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अनुसरण कौन कर सकता है? जिसके जीवन में नम्रता है, जो विनम्र है, वही दूसरों की अच्छी बात को वृद्धों की हितशिक्षा को ग्रहण कर सकता है, किन्तु जो स्वच्छंदी, स्वेच्छाचारी है, वह व्यक्ति वृद्धों- सज्जनों की बात कभी नहीं मानेगा। बडों के प्रति जिसके दिल में आदरभाव नहीं है, उसे उनकी हितकर बातें पसंद कैसे पड़ेगी? वृद्ध, सज्जन और विवेकी पुरूषों का आसरा हमारी डूबती नैया को बचा सकता है। इसलिए जिन्दगी में समय-समय पर वृद्ध पुरूषों का समागम और प्रसंग-प्रसंग पर उनकी सलाह भी अवश्य लेनी चाहिए। जीवन पथ पर कई बार ऐसी विकट परस्थितियाँ खड़ी हो जाती हैं, जिसमें से रास्ता निकालपाना बडा ही कठीन हो जाता है। ऐसे समय में बुजूर्गों की सलाह बहुत काम आती है।
एक बार एक नामी चित्रकार को राज ने अपना खुबसूरत चित्र बनाने की आज्ञा की। हालांकि चित्रकार खूब हुशियार था, फिर भी उसके सामने एक समस्या खड़ी थी राजा एक आंख से काणा था। काणे राजा का सुंदरतम चित्र कैसे तैयार किया जा सकता है? चित्रकार के सामने विकट समस्या थी। चित्रकार ने बहुत विचार किया अलग-अलग दृष्टिकोण से सोचा किंतु उसे कोई भी उपाय नहीं मिला । आखिर में वह चित्रकार अपने पिता के पास पहुंचा। उसने जाकर पिता के सामने अपनी समस्या रख दी। चित्रकार के पिता वृद्ध थे, बुद्धिशाली थे और विवेकी भी थे। तत्काल उन्होंने सलाह देते हुए कहा बेटा- तूं बाण छोड़ते हुए राजा का चित्र बना दे। क्योंकि निशाना ताकते समय व्यक्ति अपनी एक आंख बंद कर देता हैं, अतः चित्र में राजा का वह नजारा चित्रित कर दे जिसमें राजा तीर चला रहा है। पिता की इस सुयोग्य सलाह से वह खुश...... खुश हो गया। उस चित्रकार ने वैसा ही चित्र बनाया। अपना खूबसूरत/सुन्दर चित्र देखकर राजा भी बहुत खुश हुआ। और राजा ने उस चित्रकार को बहुत बड़ा पारितोष दिया। ये हैं, वृद्ध की बुद्धि का चमत्कार । वृद्ध बाप ने ऐसी युक्ति दिखाई कि जिससे वह इनाम पा गया। परिपक्व बुद्धिवाले वृद्ध पुरूष का अनुसरण करने से व्यक्ति अनेक प्रकार की पाप
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