________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobarth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir MORKICMREKKNEERICORNOKREKHONORMEREMONS तिष्ट्वापंचाकूतिमष्टादशसप्तअशीतिः // 7 // 83 // 11 // दृशानः सू.अ. सप्तदशदिवस्परिद्वादशसमिधानिपंचदशापेतसप्तदशाऽसुन्वन्तंत्र | योदशयाओषधीःसप्तविठ शतिर्मामाषोडशसप्तसप्तदशठ शतं // ॥७॥११७॥१२॥मयिगृह्णामिपंचदशध्रुवासिमधुवाताएकादश कौ सम्यक्स्रवंतिनवेमंमाषडपांत्वैकाऽयंपुरःपंचसप्ताष्टापंचाशत् / // 7 // 58 // 13 ॥ध्रुवक्षितिः षट्सजूक्रतुभिर्मूवियोद्धिका विन्द्रामीआयुर्मेषट्कावाशुखिवृदेकाऽग्नेर्भागोस्येकयाचतुष्काव For Private and Personal Use Only