________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir EKKKNOREICKKEREkkKEKICKANGREMIKROkkkk यषट्सप्तचतुखिठ शत् ॥७॥३४॥२॥समिधानिंभूर्भुवः स्वश्च सू-अ तुष्कावग्निज्योतिउपप्रयंतः षटिठ शतिर्भूर्भुवः स्वश्चतस्रोगृहा / मातिस्रःप्रघासिनःपंच पूर्णादविद्वेऽअक्षन्नमीमदंतषडेषतेसप्तदश / विषष्टिः // 10 // 63 // 3 // एवंद्वेमहीनांपयश्चतस्राकृत्याक क्सामयोदिकौवतंकृणुतषडेखातेचतस्रोवख्यसितिस्रएषतेद्वेशुक्र वाचतस्रोदित्यास्त्वगष्टौदशसप्तलिठ शत् // 10 // 37 // 4 // 28 अग्नेस्तनूरापतयेचतुष्कोतप्तायनीदेइन्द्रघोषस्तिस्नोयुंजतेष्टौदेवस्य For Private and Personal Use Only