________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मृत्पिडोनामयथा। सास्थासकर्त्तार / सस्वर्तइति / तत्र 25 / वायुपिंडोनामयथा / देवसवितः।युञ्जानःप्रथमम् // प्रादिवःककु, सुप्तमितिभवति // तत्रवज्ञपिंडोनामयथा / इष्कृतिःनिष्कृतिः।। ऋक्सामइतिभवति // प्रथममेवषकारेणसकारेणैवसंयुतं // एत / स्वरसमासाद्यअग्निष्वात्तान्निदर्शनम् // प्रथमेनठकारेणथकारेणै वसंयुतम् // एतत्स्वरंसमासाद्यअधिष्ठाननिदर्शनम् // प्रथममेवण 25 कारेणनकारेणैवसंयुतम् // एतत्स्वरंसमासाद्यत्रिणवत्रयखिठशा KEKWORCEMEEMENEKEEK***EKHOMEREMEERKHYA 来来来长长长长表长长长长长春张长长长长长长款长表来我来来! For Private and Personal Use Only