________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir या यायईशेतिनिदर्शनम् // 8 // पिपीलिकापाकवतीतथावत्सानुसा शि. 15 रिणी॥वत्सानुसंसृताचैवचतस्रस्तुविवृत्तयः॥ 9 // पंचरंगाः प्र वर्ततेघातनिर्घातवत्रिणः // अहरप्रहरोज्ञेयअइउऋोइतिनिदर्श / नं ॥१०॥पिपीलिकाआयंतदीर्घाना याआसीदितिनिदर्शनम्॥ पाकवत्युभयोर्हस्वाविनइन्द्रेतिनिदर्शनम् // 11 // अंतेचवत्सा / नुसृजतातानेत्यसौत्रावोढमश्विनेतिनि० // वत्सानुसारिणीचा 15 दौदीर्घाताअस्येतिनि०॥ 12 // करिणीकुर्विणीचैवहरिणीहारि KAKK***KEK********* For Private and Personal Use Only