________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir *CKEEXXN********************EN ताविनाबृहजगतीं विश्वाट्रसौर्य उदुत्यं तिस्रः प्रस्कण्व आनो गस्त्योयदद्यश्रुतकक्षःसुतंकलौतरणिःप्रस्कण्वस्तत्सूर्यस्यद्वेकुत्सो / बण्महाँ 2 // द्वेजमदग्निर्बहती सतोबृहत्यौश्रायंतइवनृमेधोबृहती। मत्यद्यादेवाः कुत्सआरूप्रोनहिरण्यस्तूपआङ्गिरसोनाख्यातठसौ मंगायचंवैष्टुरं // 19 ॥वैश्वदेवस्तुतिचतुर्थेहनि // वैश्वदेव्यःपु, रोरुचएकादशषट्चप्रतीकोक्ताःप्रवावृजेवसिष्ठखिष्टुभइंद्रवायूबृह स्पतिवमेधातिथिरधिनःकुसीदीकाण्वोमइन्द्रप्रतिक्षत्रइन्द्राग्नीमि For Private and Personal Use Only