________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सू.अ. स.नु. तीयोजागतोऽयमिहचतुर्थआनुष्टुभःसखायःसंपंचमःप्रगाथएना वस्तवपूर्वाबृहतीसतोबृहत्युत्तराताभ्यांतिस्रोबृहत्यः संपादिताः षष्ठ औष्णिहोनेवाजस्यगोतमःसप्तमःपुनःककुभः प्रगाथोभद्रोनस्तत्रपू किकुप्सतोबृहत्युत्तराताभ्यांतिस्रः ककुभः संपादिताअष्टमःपांक्तो नितंपदपांक्तोनवमोग्नेतमग्नि होतारमतिछंदास्यवसानाग्नेस्वंद्वैपद / स्तृचः॥१९॥अयमग्निर्विरूपोबोधिबुधगविष्ठिरोजनस्यसुतंभरः / सखायइषः स समित्संवननस्त्वांप्रस्कण्वएनावोवसिष्ठोग्नेवाज / K**************************OMEN For Private and Personal Use Only