________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स.नु Wikkkk***************INIKETAKAR राग्नेयींगायत्री परस्याविरूपऽआंगिरसःपरमस्याऽआरुणिरनुष्टुभं यदग्नेद्वेजमदग्निरहरहर्नाभानेदिष्ठस्त्रिष्टुभौयाःसेनाअनुष्टुभःसर्वाआ मेव्योंत्योपरिष्टाहती // 6 // दृशानोवत्सपी // त्रिष्टुभठरौक्मी / नक्तोषासाकुत्सऽआग्नेयींविश्वाश्यावाश्वःसावित्रीजगतीठ-सुपर्णः कृतिश्चतुरवसानागारुत्मी विषनी विष्णोलिगोक्तान्यक्रदद्वत्सप्री। रामेयींत्रिष्टुभमग्नऊर्ध्वबृहत्यग्नेमहावृहतीपुनर्गायत्र्यावात्वाध्रुवोनु / टुसमुदुत्तमठशुनःशेपोवारुणींत्रिष्टुभमत्रितत्राग्नेयी ठहर्छन्सउ ********************** E*** For Private and Personal Use Only