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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie प्रकरण मुच्चयः श्रीसिद्धान्त साराद्धारः ।। ५८॥ SAREKAR तिसत्तरी सया सत्त, तहा य सहसत्तियं ३७७३ ।।८।। अहरत्ते ऊसासा लक्खो तेरससहस्स नउय रूयं (११३१५०) मास लक्खा तेत्तीस सहस पणनवइ सत्त सया (३३९५७०७)।। ८१ ।। चत्तारि सया अडयाल सहस सत्तेव तह य लक्खा य । चत्तारि य किल कोडी ऊसासा हंति वारसमी (४०७४८४००) ।। ८२ ।। कोडि सयाई चउरो सत्त कोडीउ लक्ख अडयाला । सहसावि य चालीसं वाससए हुंति ऊसासा (४०७४८४००००)।। ८३ ।। घडियाणं इगवीसं लक्ख सहस्ता य सहि बोद्धव्वा (२१६००००) दो लक्खा पहराणं सहसठ्ठासीइ वाससए । (२८८०००)॥८४॥ वाससयआउयाणं छत्तीस सहस्त होइ दिणमाणं ३६०००। अह समयावलियाई विससओ भन्नए कालो ।। ८५ ॥ दार(९)। कालो परमनिरुद्ध अविभागी तं तु जाण समओत्ति । संखाई आवालिया ता संखेज्जा य उस्लासो ॥ ८६ ॥ हहणाल्लुस्सासो | एसो पाणोत्ति सनिओ एको । पाणू य सत्त थोवो थोवा सत्तेव लवमाहु ॥ ८७ ॥ अट्ठत्तीसं च लवा अट्ठ लवा चेव नालिया होई। दो नालिया मुहुत्तो तीस मुहुत्ता अहोरत्तो ।। ८८ ।। पन्नरस अहोरत्ता पक्खो पक्खा य दो भवे मासो। दो मासा उउसन्ना तिन्नि य रियवो अयणमेगं | ।। ८९ ॥ दो अयगाई वरिसं तं दसगुण वडियं भवे कमसो। दस य सयं च सहस्सं दस य सहस्ता सयसहस्तं ॥९०॥ वाससयसहस्सं पुण चुलसीइगुगं हवेग्ज पुवंग। पुच्वंगसयसहस्सं चुलसीइगुणं भवे पुव्वं ।। ९१ ॥ पुव्वस्स य परिमाणं सयरी खलु होति कोडि लक्खाओ । छप्पन्नं च सहस्सा बोधब्या वासकोडाणं ॥ ९२॥ पुव्वंग पुव्वंपि य नउयंगं चेव होइ नउयं च । नालि गंगं नालणंपि य महनलिणगं महानलिणं | ॥ ९३ ॥ पउमं कमलं कुमुयं तुडियमडडमववहुहुकमंगं । अउयंग अउय पउयं तह सीसपहेलिया चेव ॥ ९४ ॥ पुब्बनउयप्पभिई य चउदस नामाउ अंगसंजुत्ता। अट्ठावीसट्ठाणा चउनउयं होइ ठाणसयं ।। ९५ ॥ पुव्वंगाईयाणं अट्ठा साइ एत्थ ठाणाणं । पच्छणुपुब्वाएँ इमे नेया पत्तेयमका उ ॥५६॥ पुव्वंगंमि पण सुन्न चउर अद्वैव तह य पुव्बंमि । दस सुन्न छ पण सुन्नं सत्तेव य तहय नउयंगे ।।९७॥ पन्नरस CASCARSA *** ॥ ५८॥ * For Private and Personal Use Only
SR No.020563
Book TitlePrakaran Samucchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnasinhsuri
PublisherRushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
Publication Year1923
Total Pages133
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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