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अनुक्रमे नवकार इरि [सए। नमुथ्थुणं आदेने वीषे सतांणु यावही।
संपदा ॥२॥ __कमसो मंगल इरिया। सक्कबयाईसु सगनई॥रणा हवे नवकारना अक्षर अफ नवकारने वीषे आव संपदा तेह सठ पद नव।
मां॥ वन सहि नव पय। नवकारे अहसंपया तब॥ सात संपदातो पद तुल्य । सत्तर अक्षरनी आठमी संपदा बेला
बे पदनी ॥३०॥ सग संपय पय तुन्ना। सतरकर अध्मी दुपया॥३॥ हवे खमासमणना अक्षरा। अठावीस तीमज इरियावहीमां॥
पणिवाय अकराई। अनवीसं तहाय इरिआए॥ एकसो नवांगुं अक्षर डे। बत्रीसतो पद ले संपदा आठ ॥३१॥
नव नग्य मकर सयं। दुतीस पय संपया अ॥३२॥ संपदामां पद बेश्पदनी बेश्पदनी अगीयार११ पदनी बपदनीए| एक १ पदनी चारधपदनी एक रप इरीयावहीनी संपदानां पद॥ दनी पांचएपदनी।
दुगदुगगश्चनपगए गारगरिय संपया संपदा आदी पद इच्छा पण। जेमेजीवार एगिदियार[पया॥ मिर इरिया गमणागमणे? पा अनिहयार तस्सनतरी ॥ एक्कमणे।
चार रिश्गम पाणाध। जेमेएएगेंदिअनि तस्स सपदानांम अंगीकार संपदार सामान्यहेतुर विसेषहेतुर [॥३२॥ नीमीत संपदार। संग्रहहेतुर पांचमी ॥
अनुवगमोर निमित्तं। नहे३ अरव्हेक संगहेएपंच ॥
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