________________
प्रथवी पापी अनी वा प्रत्येकेश सात सातज लाखपद जो यु ए ज्यार कायने। मधं ॥४५॥
पुढवाश्णं चन्एहं। पत्तेनं सत्त सत्तेव ॥ ५॥ दसलाख १० प्रत्येक वन चनवलाख १४ होय साधारण वतस्प स्पतीकायमां।
तीने॥ दस पत्तेय तरूणं। चन्दस लका हवंति श्यरेसु॥ बी०२ ती०५ चौ०२ तेमने प्रत्येके बेबे लाख। च्यारलाखध पंचेंद्री तीर्यचने॥६॥
विगलिंदियाण दोदो। चनरो पंचिंदि तिरियाण॥४॥ च्यार च्यार लाख नारकी४ देवताने मनुषनेतो चन्दलाख १४ तथा।
होय॥ चनरो चनरो नारय। सुराण मणुाण चन्दस हवंति। ए सर्वनो सरवालो मेलवी चोरासी लाख जोनी थाय जोनी श
ब्द नपजवानुं गंम॥४७॥ __ संपिंमिश्रा-सव्वे। चुलसी लकान जोगीणं॥४॥ हवे सिद्धनगवाननेतो नथी नथी आयु नथी कर्म नथी प्राण देह।
नथी योनी॥ सिधाणं नचि देहो। नपान कम्मं नपांण जोपीन॥ बाद अंत नथी ए नांगे थीती तीर्थंकरना आगममां कहीले तेमनी।
॥४ ॥ साइ अणंता तेसिं। लिई जिणंदा गमे नणिया॥४॥ कालथी आद्य रहीतपणे मर जोनी ग्रहण करी बीहांमणी या णे करी।
___ संसारमां॥ काले अणा निहणे। जोणी गहणमि नीसणे इछ।
एतो।
-