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||गदहीयां वा उत्तींगा घुणादीक वा विष्टाना काला कीमा। बांगना
कीमा घानमां पमे ते कीमा ॥ गदहय चोरकीमा । गोमयकीमाय धन्नकीमाय॥ कंथा जुयो वस्त्रादीकनी वा गाय कहे गामरी वा लट कातरी। ए तेरंद्री जेद लालवरणी ममोला इंद्र गोप ते आदे॥ १७॥ __कुंथु गोवालिय इल्लिया। तेइंदिय इंदगोवाई ॥१७॥ हवे चउरंद्रीना नेद कहे वींडी । ढींकण वा बगाई नमरा नमरी
वरण नेदे तीम॥ चरिंदियाय विह। ढिंकण नमराय नमरित्रा तिमा॥ मांरखीयो मांस मसा वा मच्छर।सकारी करोलीया खममांकमी॥१॥
मबिय मंसा मसगा। कंसारी कविल मोलाय॥१७॥ हवे पंचिंद्रीयना नेद चार ले ते। नारकी १ तीर्यंच मनुष ३देवता ॥
पंचिंदियाय चनहा। नारयतिरीयश्मणुस्स३देवाय॥ नारकी सात वीधे ले ते जाणवा रत्नप्रनादिक प्रथवी नेदे करीने॥१॥
नेरश्या सत्तविहा । नायव्वा पुढवि नेएणं ॥१॥ जलचारी? थलचारीश् श्राकाशचारी३। ए त्रण नेदे पंचेंद्री तीर्यंच॥
जलयरर थलयरए खयरा३ । तिविहा पंचिंदिया तिरि हवे जलचर सुसमार पामा जेवा मन काबबो। तंतु मगर [काय॥
मन ए जलचारी जीव ॥ २० ॥ सुसमार मन कचप। गाहा मगराय जलचारी ॥३॥ हवे थलचर चोपद? पेटे चाले ते सर्प । हाथे चाले ते साप३ ते
थलचारी त्रीवीधे ॥ चनपय नरपरी सप्पा।नुयपरि सप्पाय थलयरा तिविहा
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