________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
श्री लावपूजा.
(गाथा) ॥ आर्या ॥ गंधा इढिय महुयर, मणहर झंकार सद्द संगीया ॥ जिनचलणोवरि मुक्का, हरउ तुम्ह कुसुमांजलि दुरियं ॥ (एम कहीने कुसुमांजलि चढाक्वी ॥)
॥दोहो॥ शासन नायक सुखकरु, वर्द्धमान जिनचंद ॥ पूजो प्रेमे प्राणिया, पामो परमानंद ॥ १० ॥ ॥ नमोर्हत् सिद्धाचार्योपाध्याय सर्व साधुभ्यः ॥
॥ कुसुमांजलि ॥ ढाल ॥ परमानंद परम पद पाया, निज आतम गुण संपद राया ॥ कुसुमांजलि म्हेलो वीर जिणंदा ॥ तोरा चरण कमळ सेवे चोसठ इंद्रा । कुसुमांजलि म्हेलो वीर जिणंदा.॥
(गाथा) ॥ आर्या ॥ गंधा इढिय महुयर, मणहर झंकार सद्द संगीया ॥ जिनचलणोवरि मुक्का, हरउ तुम्ह कुसुमांजलि दुरियं ।। (एम कहीने कुसुमांजलि चढाववी ॥)
॥दोहो॥ सीमंधर परमुख भला, महाविदेह मझार ॥ विहरमान जिन विचरता, वंदु वार हजार ॥११॥
॥ नमोहन सिद्धाचार्योपाध्याय सर्व साधुभ्यः ।।
For Private And Personal Use Only