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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विजयजीना आग्रहथी श्री भगवतीसूत्रना वांचननो स्मृति निमित्ते तेओश्रीए श्री वर्तमान चतुर्विशति जिन पंच कल्याणक पूजानी रचना करी हती. वीजी वखतना सं. १९९१नी सालना चातुर्मास वखते तेओश्री खेडामां व्याख्यानमां सटीक धर्म विदु तथा मृगावति चरित्र वांचता हता सं. १९९२ ना मागसर सुद ५ ने दिवसे तेओश्री श्रीमातर तीर्थे ७०० माणस साथे यात्रार्थे पधार्या हता त्यां गवैया बोलावी पूजा भणावी हती. तथा खेडाना श्री संघ तरफथी जमण करवामां आव्यु हतुं. खेडामां पण ए वर्षे श्री अठाई महोत्सव थयो हतो. त्रीजीवारना सं. १९९४ नी सालना चातुर्मास वखते तेओश्री खेडामा व्याख्यानमां पोडशक सटीक तथा श्री वासुपूज्य चरित्र श्लोकबद्ध वांचता हता. चोमासु उतरे श्री अठाई महोत्सव थयो हतो. विहार वखते महीज सुधी ७५ माणसो साथे गयुं हतुं अने त्यां श्री महावीर जिन पंचकल्याणक पूजा भणावी जमण करवामां आव्युं हतुं. ___चोथी वारना सं. १९९७ ना चातुर्मास वखते तेओश्री खेडामां व्याख्यानमां सटीक धर्मसंग्रह तथा श्रीमलयासुंदरी चरित्र श्लोकबद्ध वांचता हता. चोमासु उतये विहार वखते जेतलपुर सुधी साथे जई खेडाना श्रावकोए त्यां श्री पंचपरमेष्ठि पूजा भणावी जमण कयु हतुं. For Private And Personal Use Only
SR No.020554
Book TitlePooja Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManikyasinhsuri
PublisherHiralal Bhagubhai Shah
Publication Year1953
Total Pages145
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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