________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ___ * श्रीपञ्चमी ( वसन्तपञ्चमी ) व्रतपूजनप्रयोगः * 5 चढ़े खरनि विदूषक स्वाँग साजि / करैं कूटि, निपट गई लाज भाजि // 8 // * नर-नारि परस्पर गारि देत / सुनि हँसत राम भाइन समेत // 1 // 5 बरषत प्रसून बर-विबुध-वृन्द / जय जय दिनकर-कुन कुमुद चंद / / 10 // ब्रह्मादिप्रसंसत अवध बास / गावत कल कीति तुलसिदास // 11 // पं० कैलासनाथ भार्गव द्वारा-भार्गवभूषण प्रेस, त्रिलोचन काशी में मुद्रित / For Private and Personal Use Only