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पञ्चमो वग्गो वरदत्ते अणगारे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं अरहा अरिहणेमी अन्नया कयाइ बारवईओ नयरीओ जाव बहिया जणवयविहारं विहरइ । निसढे कुमारे समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ ।।
तए णं से निसढे कुमारे अन्नया कयाइ जेणेव पो. 5 सहसाला, तेणेव उवागच्छइ, २ जाव दब्भसंथारोवगए विहरइ । तए णं तस्स निसढस्स कुमारस्त पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-“धन्ना णं ते गामागर जाव संनिवेसा जत्थ ण अरहा अरिट्टणेमी विहरइ । धन्ना 10 णं ते राईसर जाव सत्थवाहप्पभिईओ जे णं अरिहणेमि वन्दन्ति, नमंसन्ति जाव पज्जुवासन्ति । जइ णं अरहा अरिठ्ठशे मी पुव्वाणुपुवि...नन्दणवणे विहरेज्जा, तए णं अहं अरहं अरिठणेमि वन्दिज्जा जाव पज्जुवासिज्जा ॥
तए णं अरहा अरिठणेमी निसढस्स कुमारस्त अय- 15 मेयारूवमज्झत्थिय जाव वियाणित्ता अट्ठारसहिं समणसहस्सेहिं जाव नन्दणवणे... । परिसा निग्गया। तए ण निसढे कुमारे इमीसे कहाए लढे समाणे हह चाउग्घण्टेणं आसरहेणं निग्गए जही जमाली, जाव अम्मापियरो आच्छित्ता पव्वइए, अणगारे जाए जाब गुत्तबम्भयारोi 20
तए णं से निसढे अणगारे अरहओ अरिणेमिस्स तहाख्वाणं थेराणं अन्तिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अझाई अहिज्जइ । 2 बहुइं चउत्थ? जाव विचित्तेहि तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाई नव वासाई सामण्णपरियागं पाउणइ, २ बायालीसं भत्ताई अणसणाए 25 छेएइ, आलोइयपडिकन्ते समाहिपत्ते आणुपुब्धीए कालगए॥
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