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निरयावलियासु
सक्के देविन्दे देवराया, जेव उवागच्छइ । २ सकस्स देविन्दस्स देवरन्नो दिवं देविडि दिव्वं देवज्जुई दिव्व देवाणुभावं उवदंसेइ । से तेणट्टेण, गोयमा एवं वुच्चइ बहुपुत्तिया देवी २” । “बहुपुत्तियाणं, भन्ने, देवीणं 5 केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता? " " गोयमा चत्तारि पलिओवमाई ठिई पन्नत्ता" । "बहुपुत्तिया णं भन्ते, देवी ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं लिइक्खएणं भवक्खएणं अणन्तरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ, कहिं उववज्जिहिइ ?"
गोयमा, इहेव जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे विझगिरि10 पायमूले विभेलसंनिवेसे माहणकुलंसि दारियत्ताए पच्चायाहिइ " ॥
तप णं तीसे दारियाए अरमापियरो एक्कारसमे दिवसे वोइकन्ते जाव बारसेहि दिवसेहिं वीइकन्तेहिं अयमेयारूवं
नामधेज्जं करेन्ति-" होउ णं अम्हं इमीसे दारियाए 15 नामधेज्जं सोमा " ॥
तए णं सोमा उम्मुकबालभावा विनयपरिणयमेत्ता जोव्वणगमणुपत्ता रूवेण य जोधणेण य लावण्णेण य उकिट्ठा उक्किट्ठसरीरा जाव भविस्सइ । तए णं तं
सोमं दारियं अम्मापियरो उम्मुक्कबालभावं विनय20 परिणयमेत्तं जोवणगमणुप्पत्तं पडिकुविएणं सुक्केणं पडि.
रूवएण नियगस्स भाइणेज्जस्स रकुडम्स भारियत्ताए दलयिस्सइ । साणं तस्स भारिया भविस्लइ इट्टा कन्ता जाव भण्डकरण्डगसमाणा तेल्लकेला इव सुसंगोविया चेल
पेडा इव सुसंपरिहिया रयणकरण्डगो विय सुसारक्खिया 25 सुसंगोविया, मा णं सीय [ जाव ] विविहा रोयातङ्का
फुसन्तु ॥
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