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ज्योतिषचमत्कार समीक्षायाः शंका नहीं कर सकता। "मूर्खस्य नास्त्यौषधम्" मूर्ख की कोई औ. षध नहीं है गुमाई जी ने सत्य कहा है ॥ मूरख हृदय न चेत जो गुरु मिलहिं विरंचि सम
पाठक महाशय प्रश्न यहां से पं० जनार्दन ज्योतिषी बी० ए० डिपटी कलकटर महाशय अल्मोड़ा ( सेलाखोला ) निवासी जी की बद्धि का चमत्कार दिखाते हैं । और आपकी ब. नाई हुई पुस्तक ज्योतिष चमत्कार की मालोचना का चमत्कार प्रारम्भ होता है॥ देखिये पहिले भमिका से प्रारम्भ करते हैं ।
॥ यतोधर्मस्ततो जयः॥ ज्योतिष चमत्कार को-.
-भूमिकाअहा हा ! ज्योतिष कसी अद्भुत विद्या है कि जिस के प्रभाव से ऋषि मुनि लोग तीनों काल की बातों को जानतेथे। और उनमे ससार की कोई भी वात छिपी नहीं रहती थी, महात्मा बाल्मीकि जी ने श्री रामचन्द्र जी के जन्म से भी पहिले रामायण लिख डाला था। महात्मा गर्गऋषि ने भगवान् श्रीकृष्ण जी के जन्म लेते ही बतला दिया था, कि ये साक्षात्भगवान हैं और कंस को मारेंगे । कौन ऐसा नास्तिक होगा कि जो हिन्दू होकर उन ऋषि मुनियों के इस ज्योतिष को झूठा कहै।
(समीक्षा) सत्यमेव जयते नानतम्
सत्य की जय है सदा, झठे की है सर्बत्र हार। वाहवाह, धन्य है, जोशी जी खण्डन करने को तो वैठे थे पर सत्य वात का खण्डन कौन कर सकता है, अपनी ही कसतम से ज्योतिष की प्रशंसा करने लगे "प्रथमग्रासे मक्षिका पातः,, सच पूछो तो अपनी सारी पुस्तक का खण्डन जोशीजी ने यहीं कर डाला, जोशी जी से हल पूछते हैं कि वे ज्योतिष
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