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श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर
२१६, गुलाल वाडी, कीका स्ट्रीट, मुंबई - ४०० ००२. टेलिफोन :- (ओ.) ३७४ ०६ ६७, रमणलालजी दोषी - ३७५८२३९ विशेष :- मुम्बई महानगर में दिगम्बर जैन समाज द्वारा निर्मित सबसे प्राचीन यही जिनालय हैं। जो १५० वर्ष पुराना प्रथम दिगम्बर जैन मन्दिर हैं ।
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पूजन
सर्व प्रथम घोघा (भावनगर - गुजरात) के निवासी श्रीमान सेठ श्री खुशालदास पुरूषोत्तम ने वि. सं. १८८० ई. सन १८२५ में मुंबई डुंगरी में एक मकान खरीदकर वहाँ जिन प्रतिमाजी की स्थापना की। इससे व्यापार निमित्त यहाँ आ बसे तथा आने जाने दिगम्बर जैन भाईयों को जिनेन्द्र प्रभु के दर्श अभिषेक की सुविधा उपलब्ध हो जाने से परम संतोष हुआ था ।
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मुंबई के जैन मन्दिर
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समय के साथ साथ मुंबई में आवागमन बढने लगा। मकान की जगह छोटी पडने से वि. सं. १९०५ सन १८५० में तत्कालीन विश्वस्त महानुभावो ने गुलालवाडी कीका स्ट्रीट पर वर्तमान में जहाँ दिगम्बर जैन मन्दिर हैं वह मकान खरीदकर मन्दिर की स्थापना की और वही प्राचीन प्रतिमाजी यहाँ स्थापित की। श्री पार्श्वनाथ भगवान दिगम्बर जैन मन्दिर का भवन १५० वर्ष से अधिक पुराना हो गया हैं । इस लम्बे इतिहास का जीता जागता करीब ३५०० वर्ग फीट में निर्मित दो मंजिल के इस जिनालय की दिवारे एवं लकडी जर्जर हो गई हैं। इसी कारण अब मन्दिरजी का जिर्णोद्धार का कार्य जोर शोर से चल रहा हैं ।
भूलेश्वर
श्री चन्द्रप्रभ भगवान दिगम्बर जैन मन्दिर
१६१ भूलेश्वर रोड, दूसरा माला, मुंबई - ४०० ००२.
टेलिफोन :- (ओ.) २०१३११३, २०१२३६६, (ओ.) ३६९०७५२ (घर) जंबूकुमारजी कासलीवाल, २०१ ६८७१, (ओ.) २०१९८६६ (घर) मदनलालजी
विशेष :- मुम्बई के भूलेश्वर जैसे लोकप्रिय एरीया में यह मन्दिर अति सुन्दर दिखाई रहा है, जिसकी स्थापना वि. सं. १९७१ का पोष वदि ५ को हुई थी । यहाँ मूलनायक श्री चन्द्रप्रभ स्वामी भगवान के आजुबाजु में श्री अनंतनाथजी एवं सुपार्श्वनाथ प्रभु तथा काउस्सग में श्री पार्श्वनाथजी सहित पाषाण के ४ प्रतिमाजी तथा पंच धातु के १२ प्रतिमाजी शोभायमान हैं ।
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मन्दिरजी के बाहरी तरफ श्री बाहुबलजी का भव्य चित्र के साथ (१) श्री गिरनारजी ( २ ) श्री सम्मेत शिखरजी, (३) श्री चंपापुरी और (४) पावापुरी ये चारो तीर्थो का दृश्य भी लुभावना है ।