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मुंबई के जैन मन्दिर
संचालित जिनालय की प्रतिष्ठा आत्म - वल्लभ समुद्रसूरि समुदाय के आ. श्री इन्द्रदिन्नसूरीश्वरजी म. के शिष्य रत्न उपाध्याय श्री वीरेन्द्रविजयजी म., मुनिराज श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म., मुनिराज श्री इन्द्रजितविजयजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०५३ का वैशाख सुदि पूर्णिमा, गुरूवार, ता. २२-५-९७ को हुई थी ।
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यहाँ मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु तथा आजू बाजू में श्री मुनिसुव्रत स्वामी, श्री धर्मनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ८ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ३, वीसस्थानक - १, अष्टमंगल - १ तथा पार्श्वयक्ष पद्मावतीदेवी, श्री मणिभद्रवीर तथा नाकोडा भैरूजी बिराजमान हैं मन्दिर के नीचे उपासरा हैं । यहाँ आ. श्री इन्द्रदिन्नसूरि जैन पाठशाला, श्री पार्श्वनाथ सेवा मंडल, श्री पार्श्वनाथ जैन महिला मंडल की व्यवस्था हैं ।
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श्री श्रेयांसनाथ भगवान गृह मन्दिर
महावीर शोपिंग सेन्टर, सेक्टर नं. ११, बस डिपो के सामने, नेरूल, नई मुंबई - वाशी. टेलिफोन :- ७७००१ ४० दामजीभाई
विशेष :- परम पूज्य लब्धि - लक्ष्मण के शिशु शतावधानी परम पूज्य आ. श्री विजय कीर्तिचन्द्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि. सं. २०४४ का जेठ वदि ५ को
प्रतिष्ठा हुई थी ।
यहाँ पाषाण की मूलनायक श्री श्रेयांसनाथ प्रभु की प्रतिमाजी, पंचधातु की ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ३ सुशोभित हैं। श्रीमान सेठ श्री कोरशी खेरशी गडा इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक हैं ।
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गाँव सामखियाली कच्छ- वागड के सेठ दामजीभाई के सुपुत्र जिज्ञेशकुमार (उम्र - १८) परम पूज्य भुवनभानुसूरि समुदाय के आ. श्री विजय गुणरत्नसूरीश्वरजी म. के शिष्य गणिवर्य रश्मिरत्नविजयजी म. के शिष्य जितरत्नविजयजी म. बने हैं। दीक्षा ग्रहण का दिन २०५४ का जेठ सुदि १०, ता. ४-६ - ९८ है ।
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श्री महावीर स्वामी भगवान शिखर बंदी जिनालय
ओ. पी. जे. स्कूल के सामने, सेक्टर नं. १५, नेरूल, नई मुंबई - वाशी टेलिफोन :- ७७००१ ४० दामजीभाई, ६१७४८ ३३ - जगशीभाई गडा विशेष :- श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ - नेरूल - नई मुंबई द्वारा नूतन शिखरबंदी जिनालय एवं उपाश्रय का निर्माण होनेवाला हैं ।
परम पूज्य आ. श्री विजय कलापूर्णसूरीश्वरजी म. के शिष्य पू. मुनिराज श्री दिव्यदर्शनविजयजी
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