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मुंबई के जैन मन्दिर
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स्वामी, श्री नाकोड़ा भैरवनाथ, श्री घंटाकर्ण वीर एवं यक्ष-यक्षिणी बिराजमान हैं।
नीचे ग्राउण्ड फ्लोर पर श्री चक्रेश्वरी देवी, श्री पद्मावती देवी, श्री अंबिकादेवी बिराजमान हैं।
यहाँ श्री लक्ष्मण कीर्ति जैन पाठशाला के दाता श्रीमती झव्हेर बहन प्रेमजी हीरजी देढिया परिवार गाम कच्छ नानी खाखर (हाल बोरीवली) वाले हैं । यहाँ आरस की खुदाई से बनाया गया शत्रुजय पट के निर्माण का लाभ श्री मावजी टोकरशी केनीया परिवार गाम कच्छ बारोई वालोने लिया हैं। यहाँ श्री नवयुवक मण्डल एवं श्री महावीर जिन महिला मंडल भक्ति भावना में अग्रसर हैं।
(४७५) श्री मुनिसुव्रतस्वामी भगवान गृहमन्दिर सी-३९/५-२ महात्मा गाँधी हाऊसींग कॉम्पलेक्ष सेक्टर नं. १४,
नवी मुम्बई, वाशी-४०० १०५.
टे.फो. ७६६६५९० महेन्द्रभाई खीमजीभाई विशेष :- श्री नवी मुंबई अंचलगच्छ जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस जिनालय में प्रतिमाजी की अंजनशलाका एवं प्रतिष्ठा परम पूज्य आ. श्री कलाप्रभसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०५१ का मगसर सुदि ७, शुक्रवार, ता. ९-१२-९४ को हुई थी।
यहाँ मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी, तथा श्री वासुपूज्य स्वामी एवं पार्श्वनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ४ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-५, अष्टमंगल-१, यंत्र-१, वरुणयक्ष, नरदत्ता यक्षिणी, गौतमस्वामी तथा आ. श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म. की प्रतिमाजी बिराजमान है । वि.सं. २०५२ का मगसर सुदि ६ को श्री चक्रेश्वरी देवी, श्री महाकाली देवी, श्री सरस्वती देवी की स्थापना हुई थी। अ.सौ. श्रीमती मधुबेन भरत रामजी सतरा (कच्छ) हः चिराग, मातुश्री कस्तूरबेन केशवजी चांदशी गोसर (गोधरा) सुपुत्रो : दिनेश, जयंति और विनोद परिवारवालोने मूलनायक प्रतिमाजी को भराने एवं प्रतिष्ठा का लाभ लिया था । मातुश्री खेतबाई देवराज मारु (हालापुर) वालोने अंचलगच्छ जैन उपाश्रय का निर्माण किया हैं।
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