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मुंबई के जैन मन्दिर
(डोंबीवली (पूर्व) (४४१) श्री जीरावला पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर
पारसमणि भुवन तिसरा माला, टिलक नगर, डोंबीवली (पूर्व), जि. थाणा (महाराष्ट्र) टेलिफोन नं.:- ९११ - ४५० ५९५ (घर) चंपकभाई, ९११-४३३ ९५४ (घर) मनोजभाई
विशेष :- डोंबीवली नगर का यह सबसे प्रथम और प्राचीन मंदिर हैं। इसका निर्माण व चलप्रतिष्ठा परम पूज्य युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की पावन निश्रा में वि. सं. २०२५ का मगसर वदि ८, ता. १३-१२-६८ को हुई थी।
मूलनायक श्री जीरावला पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिष्ठा कराने का लाभ स्व. शाह देवजी धारशी की स्मृति में हस्ते मोहनभाई मोहनावालाने लिया था।
यहाँ चेम्बुर तीर्थ से प्राप्त मूलनायक श्री जीरावला पार्श्वनाथ तथा आजु बाजु में श्री संभवनाथ, श्री शान्तिनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ९ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ४, वीसस्थानक - २, अष्टमंगल - २ के अलावा दिवार पर सिर्फ पार्श्वनाथ प्रभु के ही एक एक से सुन्दर १२२ फोटो विशेष दर्शनीय हैं। श्री सम्मेतशिखरजी , श्री शत्रुजय तीर्थ, श्री अष्टापद तीर्थ, श्री गिरनार तीर्थ, श्री आबुजी तीर्थ तथा महावीर प्रभु के जीवन के ऐतिहासिक चित्र भी अति लुभावने हैं। पावापुरी व समवसरण कल्पवृक्ष शोकेस भी सुशोभित हैं।
पूज्यपाद युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा व आशीर्वादसे वि. सं. २०२१ का वैशाख सुदि १०, सोमवार के शुभदिन श्रीयुत सेठ श्री प्रेमजी डुंगरशी सावला (उर्फ बाबुभाई) गाम वांकी (कच्छ) वालो की तरफ से यह स्थान डोंबीवली जैन संघ को श्री नूतन गृह मन्दिर तथा उपाश्रय बनवाने के लिये अर्पण किया था ता. १०-५-६५ को ! बादमें इसी स्थान में यह गृह मन्दिर और उपाश्रय का निर्माण हुआ था।
दुसरे माले पर उपाश्रय, तीसरे माले पर जिनालय शोभायमान हैं। यहाँ श्री चंपाबेन गंभीरदास जैन पाठशाला तथा पारसमणि सेवक मंडल की व्यवस्था हैं।
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श्री जीरावला पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर वीरा शोपिंग सेन्टर, पहला माला, टिलक टॉकिज के बाजू में, स्टेशन रोड,
__डोंबीवली (पूर्व), जि. थाणा, महाराष्ट्र ।
टेलिफोन नं.:- ९११ - ४५७ ३१८, ४७३ ७६८ विशेष :- अंचलगच्छाधिपति आ. श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म., पूज्य मुनिराज श्री कलाप्रभसागरजी म., वि. सं. २०३५ में जब पहली बार डोंबीवली पधारे तो उनकी प्रेरणा व पावन निश्रा में श्री अंचलगच्छ जैन संघ - डोंबीवली की स्थापना हुई थी।
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