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मुंबई के जैन मन्दिर
भ. लब्धि - लक्ष्मण सूरि के शिशु शतावधानी परम पूज्य आचार्य श्री विजय कीर्तिचन्द्रसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में वि.सं. २०४२ का फागुण सुदि ६ को ठाठमाठ से हुई थी। यहाँ श्री ऋषभ जिन भक्ति मण्डल, आ. श्री लक्ष्मण सूरि जैन पाठशाला की व्यवस्था हैं।
नूतन जिनालय और भव्य उपाश्रय आजकल परम पूज्य युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. के समुदाय के प. पू. विद्वान वक्ता आचार्य भगवंत श्री विजयसूर्योदयसूरीश्वरजी म. सा. की पुण्य प्रेरणा और मंगलमय मार्गदर्शन से नवधर रोड पर तैयार होनेवाली नूतन बिल्डिंग में भूमितल में लगभग १५०० चौरस फुट की भूमि पर और पहले माले पर जैन उपाश्रय का निर्माण श्री संघ की ओर से हो रहा हैं। इस बिल्डींग के चोक के एक तरफ मनोहर जिनालय का निर्माण करके संघ को अर्पण करने का एक धर्मप्रेमी भाई का शुभ आयोजन हैं। जिसका प्रारंभ इस वर्ष में होनेवाला है।
थाणा (पश्चिम) (४०३)
श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर वैशाली नगर के बाजू में, श्रीनगर, पाणीकी टंकी के पास,
थाणा-४. जि. थाणा, महाराष्ट्र
टे.फो. ऑफिस - ५६४ ५४ ३६. विशेष :- श्री मुलुण्ड घोघारी विशा श्रीमाली जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिरजी की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य आ. श्री विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी म. के समुदाय के मुनिराज श्री जयविजयजी म. की पावन निश्रा में वि.सं. २०४९ का वैशाख सुदि ६, बुधवार, ता. २९-४९३ को हुई थी।
यहाँ मूलनायक श्री आदीश्वर प्रभु तथा आजु बाजू में श्री वासुपूज्य स्वामी, श्री शीतलनाथ भगवान, श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु एवं श्री मुनिसुव्रत स्वामी की पाषाण की ५ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-२, अष्टमंगल-१ बिराजमान है।
मूलनायक श्री आदीश्वर प्रभु की प्रतिष्ठा का लाभ लेनेवाले श्रीमती मंगलाबेन शांतिलाल माणेकचन्द दोशी (महुवावाला) हस्ते श्री महासुखभाई, श्री नरेन्द्रभाई एवं श्री दिनेशभाई।
यहाँ श्रीनगर महिला मण्डल एवं जैन पाठशाला चालु है।
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