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मुंबई के जैन मन्दिर
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यहाँ उपाश्रय, महिला मंडल एवं जैन आदर्श मंडल की व्यवस्था हैं।
परम पूज्य आ. पंजाब केसरी आ. विजयवल्लभसूरीश्वरजी म. के समुदाय के आचार्य विजय रत्नाकर सूरीश्वरजी म. की शुभ प्रेरणा से भव्य शिखरबंदी जिनालय का निर्माण कार्य चालु हैं।
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श्री वासुपूज्यस्वामी भगवान गृह मन्दिर १३ टिलक निवास, महाराष्ट्र नगर, भांडुप (प.), मुंबई - ४०० ०७८.
टेलिफोन नं.-५६५ ०० ५३, ५६४ ७८ ११ - ज्योतिचंद्रजी विशेष :- शासन दिवाकर पूज्यपाद आचार्यदेव श्री विजय मोहन - प्रताप के पट्टधर शासन के महान ज्योतिर्धर पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. साहेबजी की पुनित निश्रा में वि. सं. २०३१ का कार्तिक वदि - ११ को चल प्रतिष्ठा हुई थी।
उसके बाद यहाँ के संघ द्वारा नूतन भवन का निर्माण हुआ, जिसका खातमुहूर्त वि. सं. २०३७ का श्रावण सुदि - ११, शुक्रवार, ता. २२-९-१९८१ को आचार्य भगवंत दर्शनसागरसूरीश्वरजी म. के शिष्य गणिवर्य श्री जितेन्द्रसागरजी म. आदि की शुभ निश्रा में शा. भूरमलजी नवलाजी मुठलीया (बाली) परिवार वालो की तरफसे हुआ था । पुन: प्रतिष्ठा परम पूज्य लब्धि - लक्ष्मण के शिशु शतावधानी आ. विजय कीर्तिचन्दसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०३९ का जेठ वदि ६, गुजराती मिती वैशाख वदि ६, गुरूवार, ता. २-६-१९८३ के मंगल दिन ठाठ माठ से हुई थी।
यहाँ के जिनालय में मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी तथा आजुबाजु में श्री शीतलनाथजी एवं श्री शान्तिनाथजी प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २ एवं अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं। इसके अलावा श्री मणिभद्रवीर, श्री नाकोडा भैरूजी, श्री पद्मावतीदेवी, श्री चक्रेश्वरी देवी एवं यक्ष - यक्षिणी भी दर्शनीय हैं।
यहाँ के गर्भगृह का निर्माण शा. मूलचन्दजी हंसाजी एवं मातुश्री हुलासीबाई के आत्मश्रेयार्थ शा सोकलचन्दजी मूलचन्दजी बेडा (राज.) निवासी परिवार वालो की तरफ से कराया गया था।
यहाँ उपाश्रय, श्री वासुपूज्य महिला मण्डल, श्री वासुपूज्य स्वामी जैन पाठशाला, श्री वासुपूज्य स्वामी बालिका मण्डल, श्री वासुपूज्य स्वामी सामायिक मण्डल एवं श्री जैन युवक मण्डल की व्यवस्था हैं।
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