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मुंबई के जैन मन्दिर
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विशेष :- श्री अचलगच्छ जैन संघ - वडाला इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक हैं।
यहाँ श्री चन्दप्रभ स्वामी तथा आजुबाजु में श्री श्रेयांसनाथ भगवान एवं श्री मुनिसुव्रत स्वामी की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ६ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २ एवं अष्टमंगल - १ के अलावा श्री प्रासाददेवी, विजययक्ष, भ्रकुटीदेवी ये शासनदेवी देवता भी बिराजमान हैं। दिवार पर श्री शत्रुजय तीर्थ व श्री गिरनार तीर्थ के पट भी रंगीन डिझाईन में सुशोभित हैं।
इस मन्दिरजी की स्थापना वि. सं. २०४३, तारीख ७-१२-१९८६ को हुई थी।
(३३५) श्री संभवनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय संभवनाथ भगवान चौक, रफिक अहमद किडवाई रोड, वडाला, मुंबई - ४०० ०३१. टे. फोन : (ओ.) - ४१२५६ ६८, ४१२५६ ७४, अशोकभाई - ४१२ ७० ३७,
नानजीभाई - ४१२ ९९ ८८ विशेष :- श्री अचलगच्छ जैन संघ - वडाला की सर्वप्रथम स्थापना ई. सन १९७२ को हुई थी। इस मन्दिरजी की प्रतिष्ठा अंचलगच्छाधिपति आचार्य देव श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की शुभ निश्रा में वि. सं. २०४३ का मगसर सुदि ७, रविवार, ता. ७-१२-८६ को खूब उल्लास पूर्वक हुई थी।
__ यहाँ के मन्दिरजी के रंग मंडप पर नजर घुमाते हैं तो कांच की बनाई हुई अति सुंदर डिझाईनो की भरमार दिखती हैं। यहाँ मूलनायकजी के साथ आरस की ५ प्रतिमाजी, पंचधातु की ७ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ३ के अलावा पावापुरी का शोकेस दर्शनीय हैं।
प्रथम मंजिल पर आरस के ३ प्रतिमाजी श्री अजितनाथजी, श्री वासुपूज्य स्वामी, श्री सुमतिनाथजी, पंचधातुकी २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २ सुशोभित हैं । चक्रेश्वरी वगैरह ५ देवी देवताओं की प्रतिमाजी भी बिराजमान हैं।
महाकाली माताजी की देहरी तथा आचार्य श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म. का गुरुमन्दिर बाहरी भाग में दर्शनीय हैं । पूज्य मुनिराज श्री सूर्योदयसागरजी म. की शुभ निश्रा में गुरु मन्दिर की प्रतिष्ठा वि. संवत २०४९ का माह सुदि २ (गुरुदेव की ८१ वी जन्मतिथि) को ठाठ माठ से हुई थी।
यहाँ धनजी रायमल देढिया (फरादीवाला) उपाश्रय हॉल तथा मधुकर उपाश्रय हॉल, श्रीवीर भगिनी मंडल तथा जैन पाठशाला की व्यवस्था हैं।
संभवनाथ भगवान चौक श्री गणेश मन्दिरजी मार्ग, जैन देरासर मार्ग तथा रफि अहमद किडवाई मार्ग की ओर जानेवाला मार्ग ये तीनों मार्ग के बिच श्री संभवनाथ भगवान चौक सुशोभित हैं।
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