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मुंबई के जैन मन्दिर
(२९१)
श्री महावीर स्वामी भगवान गृह मन्दिर परमात्मा पार्क, चन्दनसार रोड, विरार (पूर्व), जि. थाणा (महाराष्ट्र)
टेलिफोन-९१२-५८ २४ १७ - नटवरलालभाई विशेष :- विरार (पूर्व) में परमात्मा पार्क, गुणपुरी नगरी में परम पूज्य अचलगच्छाधिपति आ. श्री गुणसागर सूरीश्वरजी म. के शिष्य आ. श्री कलाप्रभ सागर सूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में श्री महावीर स्वामी मन्दिर की प्रतिष्ठा इस मन्दिर के निर्माता कच्छ कोडाय के वसंतभाई रवजी लालनके कर कमलो से वि.सं. २०४३ का मगसर वदि १२ को हुई थी।
यहाँ पाषाण के मूलनायक श्री महावीर स्वामी, श्री अनंतनाथ प्रभु, श्री विमलनाथ प्रभु सहित पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ६ प्रतिमाजी, विशस्थानक-२, सिद्धचक्रजी-२ एवं अष्टमंगल२ बिराजमान हैं।
यहाँ स्व. डॉ . सुरेन्द्रभाई भोगीलाल जैन उपाश्रय, चन्द्रा-सुरेन्द्र जिन आराधना भवन, श्री सामायिक मण्डल, श्री महिला मण्डल, जैन पाठशाला व ऑलियो के दिनों में आयंबिल की व्यवस्था हैं।
सूचना : विरार स्टेशन से रीक्षा या बस की सुन्दर व्यवस्था है।
श्री पीयूषपाणि पार्श्वनाथ धाम (२९२) श्री पीयूषपाणि पार्श्वनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय
वरसावा पो. मीरा, जि. थाणा पिन-४०१ १०४ (महाराष्ट्र) टे. फोन : (ओ.) ८११ ७४ १४, अनील जे. शाह-३८६८११२, ३८६ ३० ७६,
मिसरीमलजी-५४७१०८८, ५४७ ०० ९१ विशेष :- दहिसर चेकनाका से ४ कि.मी. बोरिवली रेल्वे स्टेशन से ७ कि.मी. मीरा रोड से ९ कि.मी., भाईन्दर से ८ कि.मी. मानपाडा से १२ कि.मी., थाणा से १७ कि.मी., तथा सिरसाड से २२ कि.मी., दूर यह स्थान बिल्कुल केन्द्र में होने से पूज्य श्रमण-श्रमणी भगवन्तो का महत्वपूर्ण एक विश्राम स्थान बन गया हैं।
उत्तुंग केनेरी गिरिमाला की हरियाली गोद में, शांत, सुरम्य छोटीसी लीलीछम पहाडी पर घेघूर घटाटोप वनराजी से आच्छादित सुवासित धन्य धरा पर यह तीर्थधाम आया हुआ हैं।
__ इस जिनालय के दर्शन करने आनेवाले भाविको के मुख से ये शब्द निकल आते हैं कि कैसा अद्भुत स्थल ! सोहामणा मूलनायक श्री पार्श्व प्रभु और छत्र धारण करते हुए धरणेन्द्र नागराज दिखाई दे रहे है। जिनालय में पवेश होने के बाद वहाँ से खिसकने का दिल न होवे !
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