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मुंबई के जैन मन्दिर
श्री पद्माबेन हिमतलाल भुदरदास के शुभ कर कमलो द्वारा हुआ था । आजकाल नूतन भव्य जिनालयका निर्माण कार्य चालु है । वि. सं. २०५५ के वैशाख मास में अंजनशलाका प्रतिष्ठा की संभावना हैं ।
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श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृह मन्दिर
१-४०००९२.
मालपानी सोसायटी, ग्राउन्ड फ्लोर, सत्य नगर, २९६ लास्ट बस स्टोप, बोरीवली (प.) मुंबई - ४ टे. फोन : दिनेशभाई- ८०६ १२६३, कीर्तिकुमार-८०६५३७३, हजारीमल - ८६२ १७४४ विशेष :- श्री सत्यनगर श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य युग दिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. समुदाय के मुनिराज श्री सुबोध विजयजी म. एवं मुनिराज श्री धुरंधर विजयजी म. की पावन निश्रा में वि.सं. २०४९ का मगसर वद-४ रविवार ता. १३-१२-९२ को हुई थी ।
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यहाँ मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी की पाषाण की १ प्रतिमाजी श्यामवर्णीय तथा पंचधातु की ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी १ तथा अष्टमंगल - १ सुशोभित है।
जैन उपाश्रय, जैन पाठशाला तथा मुनिसुव्रत मण्डल की व्यवस्था हैं ।
श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर
द्वारकामाय कुटीर, गांवठाण रोड नं. ३, बाभई नाका, अल. टी. रोड, बोरीवली (प.) मुंबई - ४०० ०९२.
टे. फोन : ८०६ ४० ६५ श्री रजनीकान्त शाह
विशेष :- श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर की प्रतिष्ठा परम पूज्य प्रशान्तमूर्ति स्व. आचार्य श्री विजय जित मृगांक सूरीश्वरजी म. साहेब के शिष्य पूज्य आचार्य विजय रत्नभूषण सूरीश्वरजी म. तथा मुनिराज श्री कुलभूषण विजयजी म. की पावन निश्रामें वि.सं. २०५२ का माह सुदी १३ शुक्रवार ता. २ - २ - ९६ को हुई थी ।
श्रावक जीवन में शक्ति अनुसार जिनेश्वर प्रभु का मन्दिर अवश्य बनाना चाहिये और जिन भक्ति करनी चाहिये । गुरुदेवो के इस उपदेश को दिलमें धारणकर अ. सौ. पारुबेन रजनीकान्त शाह, अ. सौ. नलीनीबेन मधुकांत शाह, अ. सौ. नयनाबेन प्रवीणचंद्र शाह एवं जयन्तिभाई जे. शाह की प्रेरणा एवं सहयोग से जिनालय का निर्माण हुआ है।
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धर्मनगरी रुप में प्रख्यात ऐसी राधनपुर नगरी मे से श्री नवलचंद खुशालचन्द श्री सागरगच्छ जैन पेढी के ट्रस्टी मंडल के भाईयो के सहयोग से भोयरा गली में आये हुए श्री महावीर स्वामी जैन मन्दिर में से मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमाजी प्राप्त हुई हैं। 1