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मुंबई के जैन मन्दिर
आपश्री और आपके परिवार के पू.आ. श्री विजय जयानन्दसूरीश्वरजी म., पू.आ. श्री विजय कनकरत्नसूरीश्वरजी म., पू.आ. श्री विजय महानन्दसूरीश्वरजी म., एवं पू.आ. श्री विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी म. की निश्रा में वि.सं. २०२७, २०३२, २०३७, २०४१, २०५१, २०५५ में अंजनशलाका और प्रतिष्ठा महोत्सवो और साथ में श्री उपधान तप महा आराधनाओ का महोत्सव, अनेक दीक्षार्थीओ का दीक्षा महोत्सव, वि.सं. २०३७ में पू. आ. श्री कनकरत्नसूरीश्वरजी म. के आचार्य पदार्पण महोत्सव तथा २०५१ में पू. आ. श्री महाबलसूरीश्वरजी म., पू. आ. श्री पद्मानन्दसूरीश्वरजी म. का आचार्य पदार्पण महोत्सव का आयोजन हुआ था।
_ वि.सं. २०४४ में पू. आ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म. के चातुर्मास में उनकी निश्रा में जिनालय के विशाल परिसर में पाषाण के पहाड रूप में श्री शत्रुजय महातीर्थ, श्री गिरनारजी, श्री सम्मेतशिखरजी, श्री अष्टापदजी, श्री राणकपुरजी, श्री भद्रेश्वरजी, श्री नन्दीश्वरजी आदि तीर्थपटो की रचना का मनोहर और हृदयंगम आयोजन हुआ था और इन तीर्थ पटो का आदेश, और उसके साथ जिनालय की प्रतिष्ठा की सालगिरी का साधर्मिक वात्सल्य का कायमी आदेश, कार्तिक पूर्णिमा के नेशनल पार्क में श्री शत्रुजय पट यात्रा के भाता का कायमी आदेश, आसौ - चैत्र मास की ओलीया और उनके पारणा का कायमी आदेश आदि कई आदेश बडे बडे चढावे से पर्युषण पर्व में दिया गया था।
__ यहाँ के जिनालय में मूलनायक सहित कुल ११ प्रतिमाजी पाषाण की तथा दूसरी मंजिल पर गंभारे में ५ प्रतिमाजी पाषाण की, दोनो ओर दो सहस्रफणा पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमाजी, बाहरी चऊमुखी चार शाश्वतजिनो की पाषाण की प्रतिमाजी तथा दोनो कमरो में १० प्रतिमाजी को मिला कर कुल ३४ प्रतिमाजी तथा गौतम स्वामी की १ प्रतिमाजी, पंच धातु की २१ तथा सिद्धचक्रजी १५ सुशोभित हैं। इसके अलावा श्री सिद्धचक्रपट्ट, श्री मणिभद्र वीर, श्री पद्मावती देवी, श्री चक्रेश्वरी देवी एवं श्री सरस्वती देवी बिराजमान हैं।
उपरी मंजीले में दिवारो के स्थान में मारबल की नकशीदार जालीया अत्यंत सुंदर हैं, उसमें भगवानके पंच कल्याणक उत्कीर्ष किये गये है।
जिनालय के बाहर की ओर आचार्य भगवन्त श्री जिनदत्तसूरि म. की प्रतिमाजी एवं मणिधारी श्री जिनचन्द्रसूरि, आ. जिनकुशलसूरि, आ. श्री सिद्धिसूरीश्वरजी म. एवं मोहनलालजी म. के पगलिएँ सुशोभित हैं।
श्री घंटाकर्ण वीर देहरी की प्रतिष्ठा वि.सं. २०२७ का माह सुदी १३ को सोमवार को हुई थी।
यहाँ श्री संभवनाथ जैन महिला मंडल जिसके ३ विभाग चालु हैं । (१) स्नात्र विभाग (२) सामायिक विभाग (३) पूजा विभाग, श्री बोरिवली जैन सेवक मंडल, श्री जैन युवक मंडल बैण्ड पार्टी,
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