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मुंबई के जैन मन्दिर
__ मन्दिर के सामने के होल में श्रीमद् राजचन्द्र आध्यात्म गुरूदेव की भक्ति, झवेरबेन बचुभाई डी. शाह गाम कांडागरावाला स्वाध्याय होल में होती हैं।
यहाँ श्री गंगाजर वीरजी भगत श्री कलिकुंड जैन उपाश्रय, चिरंजीव बेलाबेन हिमतलाल, श्री कलिकुंड पुस्तकालय, श्रीमती कान्ताबेन हिमंतलाल, श्री कलिंकुंड जैन पाठशाला, श्रीमती मणीबेन प्रेमजी गाला श्री कलिकुंड जैन ज्ञान शाला, श्री कलिकुंड महिला मण्डल, श्री कलिकुंड मित्र मण्डल तथा नियमित आयबिल खाता चालु हैं।
१८१ प्रतिमाजीवाला आधुनिक जिनालय मुंबई शहर का यही एक मात्र दर्शनीय हैं। इस जिनालय के निर्माण कार्य में जिनकी तरफसे तन मन धन का भरपुर सहयोग मिला, ऐसे महान दानवीर सेठ नानजी केशवजी एवं उनके पुत्ररत्न श्री किशोरभाई तथा धर्मपत्नी श्री पानकोर बहन हैं। जिनको हमारी तरफ से कोटिशः धन्यवाद देते हुए हार्दिक अभिनंदन ।
सेठ नानजीभाई एवं श्री संघ की तरफ से आचार्य विजय कीर्तिचन्द्रसूरीश्वरजी म. को युगप्रभाकर की पदवी दी गई थी।
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श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर श्री संभवनाथ बिल्डींग, छत्रपति शिवाजी महाराज रोड, वाकोला ब्रीज,
सान्ताक्रुझ (पूर्व), मुंबई - ४०० ०५५.
टे. फोन :६१५ २१ ४८ हर्षदभाई विशेष :- इस गृहमन्दिरजी की व्यवस्था और संचालन श्री वाकोला श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ की तरफसे हो रही हैं।
इसकी चलप्रतिष्ठा परम पूज्य आ. भ. श्री विजय मोहनसूरीश्वरजी म. के पट्टधर सिद्धान्त रक्षक पूज्य पाद आचार्य भगवंत श्री विजय प्रतापसूरीश्वरजी म. एवं प. पू. युगदिवाकर
आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की प्रेरणा से आपश्री की पावन निश्रा में वि. सं. २०२३ का पोष सुद १५ गुरुवार ता. २६-१-१९६७ को हुई थी।
इस मन्दिरजी का पबासन अहमदाबाद निवासी स्व. केसरीचन्द अमृतलाल के आत्म श्रेयार्थ चीनुभाई अमृतलाल सान्ताक्रुझ (पूर्व) की तरफ से वि. सं. २०२३ में बनवाया था।
वर्तमान में श्री मोहन - प्रताप - धर्मसूरीश्वरजी परिवार के प. पू. व्या. सा. न्या. तीर्थ आ. भ. श्री विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा और मार्गदर्शन से इस गृहमन्दिर का जीर्णोद्धारमें विस्तृत जगह स्थान मिलाकर, मारबल सजावट और मारबल की सुन्दर छत्री और परिकर बनाकर, विशाल और रमणीय गृह मन्दिर बनाया गया है, जिसकी पुन: प्रतिष्ठा के भव्य महोत्सव का आयोजन प. पू. आ. भ. श्री धर्मसूरीश्वरजी म. सा. के परिवार के प. पू. आ. भ. श्री
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