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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तरंविजानीयापस्यपसवस्वीतर यथापुत्रत्रयपसवानंतरंकन्याजन्म कन्यायमसगनंतर जन्म सा जनिःशांनिनः वसिष्ठादिभोक्तशांत्यास्वनुष्ठितयाशभा परिणामसरसदायिनीयर्थः 57 अथशांतयो लिख्यते तत्रपथममूलशांतिरुच्यते शौनकउवाच अथातःसंप्रवक्ष्यामिमूलजातहिनायच माता पित्रोर्धनस्यापिकुलेशांनिहिनायच जातस्यद्वादशाहेतुजन्मéवाश्मेदिने समाटकेवामनिमानकुर्याहाशांतिमादरान् वसिष्ठः ससमेपुण्यदेशेनुमंडपंकारयेद्दधः कुंडंचनाहिःकुर्याद्वहयज्ञोक्तमार्गतः पं ॥चामृतपंचगव्यंपंचत्वकपल्लवानिच उदंबरवटाश्वत्थपूलाम्पसकसपल्लवाः शतौषधीमूलशंखनवरत्ना निमृत्तिकाः कुष्ठमांसाहरिदेडेमुराशैलेयचंदनम् बचापकमुस्ताचसर्वोषध्योदशैवाहि गजाश्वरथ्याव ल्मीकसंगमस्थानसंभवा इदगोराजनगरहारनवाश्मृत्तिकाः शतौषधीमूलानिच अश्मरी 1 सहदेवी अपराजिता 3 मुंडा उशीर ५वाला अधःपुष्पी शंखपुष्पीज्येष्ठीमधु९कोरकः 10 चक्रांकिता| 11 विष्णुकांता 2 शिवकांना १३मयूरशिरवा 14 काकजंघा१५ भुंगराज 16 कुमारी१७ हय 18 कर्णिका र 19 अपमार्ग२० बिल्व 1 षण्मूला२२ अंबुज 23 उत्तरा 24 पुत्रजीव 25 दूर्वा 26 काश२७ कुश २-सा ल 29 नाल 30 चक्रमर्द सिंही 32 व्याधी 2 अर्क 34 पक्ष 35 पलाश 36 पिंपल 37 वट 38 उहं बर 39 तुलसी उत्पल 11 शतपत्र 19 अतसी 43 सारिया 44 करंब 5 बकुल ५६शमी राहिक 48 निर्गुण सुंडी 50 दंडी 51 बाली 52 अशोक 53 सूर्यभत्ता ५४रुदजरा 55 कदली 56 वाजपू. |रक 57 मदनक 58 मुसली 59 पुनर्नवा 60 आम्रपाटल 62 श्रीपर्णीकरवीर६४-चंपक 65 For Private And Personal Use Only
SR No.020482
Book TitleMuhurt Chintamani Satik
Original Sutra AuthorN/A
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Publisher
Publication Year
Total Pages355
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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