________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एधतेवर्द्धते // अरे शत्रोसकाशात् पराभवोनस्यात् // 131 // // इतिश्रीमंत्रमहोदधिनौकायांमहीधरनि मितायांयंत्रकथनंनामविंशस्तरंगः // 20 // // एवंमंत्रजातंकथयित्वासर्वदेवतानांकामनाविशेषणयंत्रा जपादिभिर्मनौसिद्धेयंत्रेभ्यःसिद्धिमाप्नुयात् // सुवर्णमेधतेगेहेनैवारेःस्यात्पराभवः // 131 // इतिम त्रमहोदधौयंत्रकथनंनामविंशस्तरंगः // 20 // नित्यपूजाविधिसर्वदेवसाधारणंब्रुवे // ब्राह्ममुहूर्तेउत्था यकृत्वाशौचादिकंसुधीः // 1 // परिधायांवरंशुद्धमंत्रस्नानंविधायच // प्रविश्यदेवतागारंकुत्सिं मार्जनादिकम् // 2 // मंगलारात्रिकंकृत्वानिर्माल्यमपसारयेत् // दद्यात्पुष्पांजलिंदन्तधावनाचमनेअ पि॥३॥ नमस्कृत्यासनेशुद्धउपविश्यगुरुंस्मरेत् // शिरस्थंशुक्लपद्मस्थंप्रसन्नंद्विभुजाक्षिकम् // 4 // अहंब्रह्मास्मिसद्रूपंनित्यमुक्तंनशोकभाक् // गुरुदेवात्मनामित्थमैक्यस्मृत्वार्चयेततम् // 5 // णिचनिरूप्यसर्वदेवसाधारणपूजाविशेषवक्तुमुपक्रमते॥नित्यति // द्वौभुजौद्वेअक्षिणीचयस्यसद्विभुजाक्षिकः तम् // 1 // 2 // 3 // 4 // श्रीनाथविष्णोइत्यस्यस्थलेविश्वेशशंभोभवदाज्ञयैवेतिशिवोपासकेनभवानिदु र्गेइत्यंबोपासकेनोहोविधेयः॥५॥ For Private and Personal Use Only