________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie ad मं०म० // 157|| m सटीक // 5 // 6 // कालिकाबीजंक्रीं॥७॥८॥ वेदनेवाणैश्चतुर्विशतिवर्णैः॥ बाणाक्षिवर्णकैःपंचविंशतिवर्णः॥९॥ प्रनंदचंद्राक्षरैरैकोनविंशत्यर्णैः // 10 // ध्यानमाह // उद्यदिति // दंडवरेदक्षयोः // लिङ्गभुवने त०१८ द्वषिणःपदमुच्चार्यततउच्चाटयद्वयम् // सवैवशंकुरुद्वंद्वंस्वाहादेहियुगंपुनः // // सवैचकालरात्रात कामिनीतिगणेश्वरि // नमोंतेयंमहाविद्यागुणरामधराक्षरा // 6 // ऋषिर्दक्षोतिजगतीछन्दोलकनिवा सिनी // देवताकालरात्रिःस्यात्कालिकाबीजमीरितम् // 7 // मायाराज्ञीतिशक्तिःस्यानियोगःस्वेष्टसि द्धये // पंचाङ्गुलिषुताराद्यविन्यसेद्वीजपंचकम्॥८॥हृदयंवेदनेवाणैःशिरोबाणाक्षिवर्णकैः॥ प्रोक्ताशिर्खे कविंशत्यावर्माष्टादशभिःस्मृतम्॥९॥पइिंशत्यानेत्रमस्त्रंनंदचंद्राक्षरैर्मतम्॥विधायैवषडंगानिध्यायेद्विश्व विमोहिनीम् // 10 // उद्यन्मार्तडकांतिविगलितकारीकृष्णवस्त्रावृतांगीदंडलिंगंकराजैर्वरमथभुवनंसं दधानांत्रिनेत्राम्॥नानाकल्पौषभासांस्मितमुखकमलांसेवितांदेवसंधैर्मायाराज्ञीमनोभूशरविकलतनूमा श्रयेकालरात्रिम्॥११॥अयुतंप्रजपेन्मंत्रंदशांशंजुहुयात्तिलैः॥पयोरुहैर्वाविप्रेद्रान्संतlश्रेयआप्नुयात् / 12 वामयोः // भुवनंब्रह्मांडम् // नानाकल्पैविभासांविविधाभरणसमूहशोभिताम् // मनोभूशरवि Ba|157 // |कलतनूंकामबाणव्याकुलशरीराम् // 11 // 12 // 1 अस्यकालरात्रिमंत्रस्यदक्षऋषिःजगतिछंदःअलनिवासिनीकालरात्रिर्देवताक्रीबीजमायाराज्ञीतिशक्तिममाभीष्ट० // uvNLOLLCOLastamanna For Private and Personal Use Only