________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वामकर्णेदुस्थितौनभोग्नीऊबिंदुयुतौहरौतेनहूं // पाशआं॥ अमुकमितिपदस्थानेसाध्यनामोच्चार्यम् // 85 // मायाह्रीं / तारॐ॥स्वंबीजंफ्रो॥आत्मभूःक्लीं // 86 // 87 // आकाशद्वयंहद्वयम्॥ वामनेत्रचंद्रयुतई बिंदुयुतं हींहीं // शिवाह्रीं॥वेदादिकामचामुंडाः ॐक्लींत्री॥तुपूतवर्गपवर्गों // 48 // नेत्रबाणधराक्षरोद्विपंचाशदुत्तरश तार्णः॥ यथा ॥ऐंआह्रींवषट्कार्तवीर्यार्जुनायमाहिष्मतीनाथायसहस्रबाहवेसहस्रक्रतुदीक्षितायदतात्रेय नभोग्नीवामकर्णेदस्थितौपाशइमंततःगदीपगृहाणअमुकंरक्षरक्षपदंपुनः॥८६॥ दुष्टान्नाशययुग्मंस्या त्तथापातयघातय / / शत्रूचहिद्वयंमायातारःस्वंवीजमात्मभूः // 86 // वह्निजायाअनेनाथदीपवर्येणप श्चिमाभिमुखेनामुकुंरक्षअमुकांतेवरप्रदा।।८७॥नायाकाशद्वयंवामनेत्रचंद्रयुतंशिवा॥वेदादिकामचामुं डास्वाहातुसबिंदुकौ // 88 // प्रणवोग्निप्रियामंत्रोनेत्रवाणधराक्षरादत्तात्रेयोमुनिर्मालामंत्रस्यपरिकी र्तितः॥८९॥छंदोमितंकार्तवीर्यार्जुनोदेवःशुभावहः॥ चामुंडयाषडंगोनिचरेत्पदीर्घयुक्तया // 90 // प्रियायआत्रेयायानुसूयागर्भरत्नय आइमंदीपगृहाणअमुकंरक्षरदुष्टान्नाशयरपातय 2 घातय 2 शत्रून्ज हि रहींफ्रोंकीस्वाहा // अनेनदीपवर्येणपश्चिमाभिमुखेनअमुकंरक्ष // 89 // अमुकवरप्रदानायहींहींहीं ॐकींब्रीस्वाहातंर्थदंधनपंफंबंभमंॐस्वाहेतिमंत्रः॥चामुंडयाब्रीमीतिबीजेनवांनींबूंवौंवाइतिषडंगं // 9 // 1 अस्यकार्तवीर्यमालामंत्रस्यदत्तात्रेयऋषिःअमितंछंद कार्तवीर्यार्जनोंदवताममाभीष्टसिद्धयर्थे जपेविनियोगः / / For Private and Personal Use Only