________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir MH Dr सटीक | त०१५ // 133 // धरात्मजभौमोदेवताध्यानमाहाजपाभामिति // शूलवरौदक्षयोगाअन्ययो अन्ययोरितरे॥रसलक्षषड्लक्षं॥ शैवेपीठेमृत्युंजयोक्ते // ककुभांनाथानिंद्रादीन् // कुलिशादीन्वज्जादीन् // 48 // 49 // 50 // 51 // 52 // मुनिर्विरूपागायत्रीछंदोदेवोधरात्मजःषभिर्वणःषडंगानिमनो कुर्वीतसाधकः॥४८॥ जपाभशिवस्वे दर्जहस्तपदेंगदाशूलशक्तीवरंधारयंतम्॥अवंतीसमुत्थंसुमेपासनस्थंवरानंदनंरक्तवस्त्रंसमीडे।४९॥रसल क्षंजपोहोम समिद्भिःखदिरस्यच // शैवेपीठेयजेगोमंप्रागंगानिप्रपूजयेत् // 50 // एकविंशतिकोष्टेषुमं गलादीन्प्रपूजयेत् // तद्वहिःककुभांनाथान्कुलिशादीस्ततोर्चयेत् // 51 // इत्थंजपादिभिःसिद्धस्वेष्ट सिद्धौप्रयोजयेत्॥नारीपुत्रमभीप्संतीभौमाहेतद्वतंचरेत्॥१२॥ मार्गशीर्षथवैशाखेतस्यारंभ प्रशस्यते॥ अरुणोदयवेलायामुत्थायशुचिविग्रहा // 53 // दंताधावेदपामार्गसमिधामौनसविनी॥ नद्यादिसलिले स्नात्वाधारयेद्रक्तवाससी॥५॥नैवेद्यकुसुमालेपानक्तानसंपाद्यसंयतः॥विधिज्ञविप्रमाहूयभौममर्चेत्तदा ज्ञया॥५६॥रक्तगोगोमयालिप्तदेशेपीठनिषेविणी // मंगलादीनिनामानिस्वप्रतीकेषुविन्यसेत् // 56 // भौमव्रतमाह // मार्गेति // शुचिविग्रहा // 53 // 54 // शरीरचिंतानिवर्तमानानंतरंप्रक्षालितपा णिपादमुखास्वप्रतीकेषुनिजांगेषु // 55 // 56 // For Private and Personal Use Only