________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सटीक त०१३ मं० म ध्यानमाह // क्षीराब्धाविति // क्षीरसमुद्रगतश्वेतद्वीपेवस्वादिदेवोधैरनादियथातथावेष्टितः // अग्रे वसुभिः॥ दक्षेरुद्रैः। पश्चिमेआदित्यैः॥ वामेविश्वदेवरित्यर्थः // अधोवाम दक्षयोःस्वचक्रे // ऊर्ध्वयोर्ग // 123 // क्षीराब्धौवसुमुख्यदेवनिकरैरग्रादिसंवष्टितः शंखचक्रगदांवुनिजकरविभ्रंस्त्रिनेत्रासितः // साधीश फणातपत्रलसितःपीतांबरालंकृतो लक्ष्म्याश्लिष्टकलेवरोनरहरिस्तानीलकंठोमुदे // 33 // एवंध्या वाजपेल्लक्षत्रयंपष्टिसहस्रकम् / / मध्वक्तैर्मल्लिकापुष्पैर्जुहुयाजातवेदसि // 34 // षट्शतंत्रिसहस्राणिपी ठेपूर्वेदितेयजेत् // प्रथमावरणगानिपरशक्तिरिमाःपुनः // 35 // भाल्वतीभास्करीचिंताद्युतिरुन्मी लिनीतथा // रमाकांतीरुचिश्चेतिशकाद्याहेतिसंयुताः॥३६॥ इत्थंसिद्धेमनौमंत्रीनिग्रहानुग्रहक्षमः॥ मल्लिकाकुसुमैोमादिष्टसिद्धिमवाप्नुयात् // 37 // प्रणवोनहरे/जनमोभगवतेपदम् // नरसिंहायतार श्ववीजंमत्स्येतिकीर्तयेत् // 38 // रूपायतारोवीजंचकूर्मरूपायवर्णकाः // तारवीजेवराहार्णारूपायता खीजके // 39 // नृसिंहरूपायांतेतुतारोवीजंचवामनम् // रूपायविस्तारखीजेरामायेतिपदंवदेत्॥४०॥ दापछे / सितश्चंद्रवर्णः शेषफणाएवातपर्वतेनलसितोदीप्तः। ईदृड्नृसिंहोममनुदेहर्षायस्तात्भूयात् // 33 // BE34 // 35 // 36 // 37 // मंत्रांतरमाह // प्रणवइति // नृहरे/जंक्षरौं // 38 // त्रिस्त्रिवारंतारबीजे // 39 // 40 1 घृतमधुशर्करायुक्तैःमालतीपुष्पैः // EmpssssssssssNSESIRESSEMINERNET SERestoneareshREoKnearbanemabhiesreal 12 For Private and Personal Use Only