________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भूबिंबमारभ्यबिंदुपर्यतं ॥प्रतिलोमेननवावरणपूजाआवरणदेवतानामादौमायाश्रीबीजे // अंतेतुश्रीपादु कांपूजयामीतिप्रयोगः // 78 // आग्नेयेहृदेशेशिरः ॥नैर्ऋत्येशिखा // वायौकवचं // पुरोनेत्रं // विश्वस्त्रं // यथा ॥श्रीह्रीं क्लींऐसौ हृदयंवाग्देवताश्रीपा० // 79 // त्रिरेखंभूगृहमस्ति // यस्याधररखायामष्टदिक्षुऊर्ध्व भूबिंबादिदुपर्यतनवावृत्तिसमर्चनम् // मायाश्रीबीजपूर्वाणांनानामंतेनियोजयेत् // 78 // श्रीपादुकां पूजयामीत्येतद्वर्णाश्चसर्वतः॥ अग्नीशासुरवायव्यपुरोदिक्ष्वंगपूजनम् // 79 // भूविवस्याऽऽद्यरेखायां दिशूधिक्रमाद्यजेत् // सिद्धीर्दशाणिमात्वाद्यामहिमालघिमेशिता // 8 // वशित्वसिद्धिःप्राका म्याभुक्तिरिच्छाष्टमीपुनः // प्राप्तिश्चसर्वकामाख्यासिद्धयोदशकीर्तिताः // 81 // तप्तहेमसमानाभाः पाशांकुशधराःशुभाः // साधकेभ्यःप्रयच्छंतिरत्नौवंताविचिंतयेत् // 82 // भूपुरेमध्यरेखायांप श्चिमाद्यर्चयेदिमाः // ब्राह्मीमाहेश्वरींचापिकौमारीवैष्णवीमपि // 83 // मधश्चाणिमाद्यादशसिद्धीर्यजेत् // ह्रींश्रींअणिमासिद्धिश्रीपादुकांपूजयामीत्यादिप्रयोगः // 80 // 81 // तासांध्यानमाह // दक्षंकुशधरावामेपाशधराः // साधकेभ्योरत्नसमूहान्ददती // 82 // भूगृहद्वितीयरे खायांपश्चिमादिब्राझ्याद्याअष्टमातृर्यजेत् // ह्रींश्रींब्राह्मीमातृकाश्रीपादुकांपूजया इत्यादि // 83 // For Private and Personal Use Only